- भारत चौहान
तन समर्पित, मन समर्पित
और यह जीवन समर्पित
हे मातृभू चाहता हूं तुझे और क्या दूं ..
आजकल सोशल मीडिया पर लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रांत के प्रचारक श्री युद्धवीर जी के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए अनेक लोगों को विधानसभा अथवा अन्य संस्थाओं में असंवैधानिक तरीके से नौकरियां लगवाई है. किसी पर आरोप लगाना बेहद आसान काम होता है परंतु जब तक हम किसी संगठन और व्यक्ति के बारे में नहीं जानते हैं तब तक उन पर बेवजह आरोप लगाना उचित नहीं है.
श्री युद्धवीर जी उन लोगों में एक है जिन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र और समाज हित के लिए समर्पित किया है. उच्च शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विस्तारक से लेकर विभिन्न दायित्व का निर्वहन करते हुए आज वह उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक के पद पर आसीन हैं यहां तक पहुंचना बिना मेहनत, योग्यता, विश्वास और कार्य के प्रति समर्पण के कोई नहीं पहुंच सकता.
उत्तराखंड के जो लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें लिखते हैं मैं उनसे पूछना चाहता हूं क्या कभी आपने उत्तराखंड के 13 जनपदों में राष्ट्रीय कार्य के लिए, बिना किसी लालच के भ्रमण किया है. युद्धवीर जी उन कार्यकर्ताओं में एक है जो प्रदेश के 95 ब्लॉक तथा 3,000 से अधिक गांव तक पहुंच चुके हैं जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए इसलिए समर्पित किया है कि यह राष्ट्र जहां जातिवाद क्षेत्रवाद लव जिहाद आदि सहित विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है उनका समाधान कर सके.
जीवनवृति श्री युद्धवीर जी ने राष्ट्र कार्य के लिए ना तो अपना घर बसाया और ना ही विवाह किया उन्होंने आजीवन समाज कार्य के लिए स्वयं की प्रेरणा से समर्पित किया है. आप ही की तरह संघ के अन्य प्रचारक भी है जो दिन रात राष्ट्र के कार्य में अपने को समर्पित किए हुए हैं.
आरोप लगाना एक सहज सा लगता है मेरा कहने का तात्पर्य यह है कि जब हम स्वयं अपने घर और परिवार को निस्वार्थ भाव से आगे नहीं बढ़ा सकते हैं तब उन लोगों पर टीका टिप्पणी करना उचित नहीं है जो निस्वार्थ भाव से संपूर्ण जीवन राष्ट्र कार्य में लगाए हुए हैं. मैं 25 वर्षों से श्री युद्धवीर जी को जानता हूं आपका सरल स्वभाव कार्यकर्ताओं के साथ आपका सहजता से मेल मिलाप अनुकरणीय है हो सकता है किसी कार्यकर्ता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए किसी को नौकरी लगाने की उन्होंने कहा हो परंतु जिस प्रकार से असत्य सूची बनाकर सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम करने के लिए शेयर की जा रही है वह घोर निंदनीय है.
मैं भी संघ का स्वयंसेवक हूं 2007 से 2012 तक विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्री हरबंस कपूर जी के साथ सूचना अधिकारी रहा फिर 2017 से 2022 तक विधानसभा अध्यक्ष के रुप में श्री प्रेम चंद अग्रवाल जी के साथ भी सूचना अधिकारी के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ.
वर्तमान युग में नौकरी किस को बुरी लगती है परंतु संघ का स्वयंसेवक होने के नाते असंवैधानिक रूप से मैंने ना स्वयं की नौकरी के लिए पहल की और ना ही अपने किसी नाते रिश्तेदार की नौकरी के लिए सिफारिश की.