
नागरिक संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली नगर निगम अधिकारियों के साथ करेंगे समन्वय
- निशांत
वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में तेज़ी लाने के लिए, देश की राजधानी में 2500 से अधिक निवासी कल्याण संघों (RWAs) के एक संघ, यूनाइटेड रेजिडेंट्स जॉइंट एक्शन (URJA) ने शुक्रवार
को एक नागरिक संचालित मॉनिटरिंग अभियान शुरू किया. दिल्ली के 13 चिन्हित हॉटस्पॉट के प्रतिनिधि दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर काम करेंगे और अपने क्षेत्र में कचरा जलाने, मलबा डंपिंग या अन्य उल्लंघन की घटनाओं की रिपोर्ट करने में मदद करेंगे.हरताली
2019 में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने रोहिणी, द्वारका, ओखला फेज़ -2, पंजाबी बाग़, आनंद विहार, विवेक विहार, वज़ीरपुर, जहांगीरपुरी, आर.के. पुरम, बवाना, मुंडका, नरेला और मायापुरी को शहर में हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना. हॉटस्पॉट का वार्षिक औसत PM10 300 μg/m3 से अधिक और PM2.5 की सांद्रता 100 μg/m3 से अधिक है. जबकि PM10 और PM2.5 के लिए CPCB के सुरक्षा मानक क्रमश: 60 μg/m3 और 40 μg/m3 हैं.
हरताली
इन हॉटस्पॉट के आसपास वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें मीटिगेटकरने के लिए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) द्वारा EPCA की एक रिपोर्ट के अनुसार, कचरा जलाने और निर्माण और विध्वंस (Construction & Demolition, C&D) कचरे को हॉटस्पॉट में प्रदूषण के लिए प्रमुख समस्या क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है.
विशिष्ट कार्य योजनाएं तैयार की गई थी.हरताली
चूंकि हॉटस्पॉट लगातार प्रदूषित हो रहे हैं (ग्राफ देखें), नामित सदस्यों के माध्यम से URJA का उद्देश्य हॉटस्पॉट के एमसीडी क्षेत्र के उपायुक्तों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखते हुए अनुपालन
और कार्यान्वयन को मॉनिटर करना और उल्लंघनों को मॉनिटर करना है. वायु प्रदूषण कार्य योजना की प्रभावी समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एमसीडी और अन्य संबंधित विभाग या एजेंसियों के ऑनग्राउंड कार्यान्वयन अधिकारियों के साथ निकटता से जुड़ने के अलावा, प्रतिनिधि अन्य निवासियों को वॉट्स्ऐप ग्रुपों के माध्यम से भी शामिल करेंगे, ताकि वे अपने मोबाइल फोन का उपयोग दिन और रात में कचरा जलाने, C&D कचरा डंपिंग, उद्योगों, रेस्तरां और सड़क किनारे खाना पकाने से निकलने वाले धुएं की की घटनाओं की तस्वीरों और वीडियो लेने के लिए कर सकें.हरताली
URJA के अध्यक्ष अतुल गोयल ने कहा, “इन हॉटस्पॉट्स में वायु प्रदूषण लगातार अधिक रहा है और सरकार की कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की ज़रुरत है. इन हॉटस्पॉट्स के निवासी प्रदूषण के उच्च स्तर से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और ज़मीनी स्तर पर चीजों को बदलने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा
सकते हैं. प्रतिनिधि समुदाय के नेता, RWA या मार्केट ट्रेडर एसोसिएशन के सदस्य हो सकते हैं और शिक्षा और स्वास्थ्य के बैकग्राउंड वाले लोगों को समन्वयकों के रूप में नियुक्त किया जा सकता है. हमें अपने नागरिकों के लिए राज्य सरकार की जवाबदेही स्थापित करने और वार्षिक प्रदूषण में 12% गिरावट के साथ 2025 तक दो-तिहाई गिरावट लाने के लिए एक रोडमैप की मांग करने की आवश्यकता है, जैसा कि दिल्ली चुनाव के दौरान उनके द्वारा प्रतिबद्ध किया था.”हरताली
कचरा जलाने को कम करने और खुले स्थानों की रक्षा करने के उपाय के रूप में, URJA के महासचिव जसबीर चड्ढा ने कहा, “कचरे को खुले में जलाना प्रमुख स्थानीय
कारकों में से एक है, जो राजधानी में उच्च प्रदूषण में योगदान देता है. इन प्रदूषण हॉटस्पॉट के पास खाली पड़ी भूमि की सुरक्षा के लिए एक योजना बनाने की आवश्यकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी ताज़ा कचरा डंप नहीं किया जाए, जो आगे जलाया जा सकता हो.”हरताली
इस महीने की शुरुआत में DPCC ने दिल्ली-NCR में पांच उच्च प्रदूषण फैलाने वाले क्षेत्रों की पहचान की है, जो मौजूदा प्रदूषण हॉटस्पॉट से सटे हैं. ये पांच उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्र संजय गांधी परिवहन नगर,
पीरागढ़ी, रोहतक रोड, आजादपुर और सराय रोहिल्ला हैं.हरताली
विशेषज्ञ भी बेहतर नीति कार्यान्वयन में नागरिकों की भूमिका की सराहना करते हैं. “स्थानीय, आमतौर पर बिखरे हुए, मिश्रण में जोड़ने वाले स्रोतों के कारण प्रदूषण हॉट स्पॉट मौजूद हैं.
बहुत सारे नियम और मानदंड पहले से मौजूद हैं जो इन हॉट स्पॉट में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन व्यापक नागरिक जागरूकता, भागीदारी और सहयोग के बिना इन्हें लागू करना मुश्किल है. RWAs एक महत्वपूर्ण मध्यस्थता भूमिका निभाते हैं: सरकारी प्रयासों में सहायता देते हैं और एजेंसियों को जवाबदेह भी ठहराते हैं,” संतोष हरीश, फेलो, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली, ने कहा.हरताली
(लेखक लखनऊ में निवासरत हैं एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों में रुचि और इन विषयों को हिन्दी पत्रकारिता के पटल पर प्रासंगिक बनाने के इरादे से इससे जुड़ी जानकारियां लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं.)