हिमाचल: करसोग में दिखाए गए विलुप्त होते पुराने अनाजों के बीज और खिलाए गए व्यंजन

0
159

करसोग में बनाया जाएगा जैविक कृषि के लिए बाजार बनेगा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन

  • हिमांतर, करसोग

एक समय था जब हमारे देश में अनाज की कमी हो गई थी. उस समय सरकारों ने अपने देशी बीजों को विकसित करने की बजाए विदेशी हाइब्रिड बीजों को तवज्जो दी गई. इन बीजों से अनाज की कमी तो पूरी हो गई लेकिन इन बीजों के कारण हमारे देश की खेती विदेशी कंपनियों के हाथों का खिलौना बन गई. बाहर से जो बीज आए उनके लिए भरी मात्रा में रासायनिक खाद और दवाइयों का इस्तेमाल भी किया गया. अत्यधिक पानी का दोहन किया गया। इसका दुष्परिणाम ये हुआ कि हमारे देश की मिट्टी बर्बाद हो गई, इंसानों में कई किस्म की बीमारियों को बढ़ावा मिला.

इन सबके बुरे परिणाम हुए उनको ठीक करने की कोशिश के तहत पर्वतीय टिकाऊ खेती अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश द्वारा पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. महिला मंडलों के साथ मिलकर पुराने अनाजों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर आज करसोग के राम मंदिर में मिलेट्स फेस्टिवल का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कोदरा, कौणी, बिथु, नंगा जौ, काली गेंहू, जवार, कोदो, चीणा, लाल मक्की आदि दिखाई गई. इनकी खासियत ये है कि ये अनाज सौ सालों तक भी खराब नही होते. मिलिटस फेस्टिवल के दौरान विभिन्न अनाजों का हलवा, खीर, चाय, रोटी आदि बनाकर खिलाई गई. खिलाने के लिए पत्तों से बने दौनों का इस्तेमाल किया गया.

कार्यक्रम के संचालक लोक कृषि नेकराम शर्मा ने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने बहुत तपस्या के साथ हमारे लिए कृषि बीजों को विकसित किया था लेकिन नकदी फसलों के लालच में हमने नए बीज अपना कर बीमारियों को न्योता दिया है. हमें फिर से अपने पुराने बीजों की और लौटना चाहिए.

अभियान से जुड़े राहुल सक्सेना ने कहा कि इसको एक आंदोलन के तौर पर चलाने की जरूरत है। हमें हानिकारिक अनाजों को खुद अपने जीवन से निकलना होगा. पिछले छह-सात सालों से जो हमारे खान-पान और कृषि में बदलाव हुए हैं वह बहुत हानिकारक रहे हैं. किसानों के उत्पाद बेचने लिए करसोग में बाजार की जरूरत है.

उपमंडल अधिकारी ने पुराने बीजों के दर्शन करते हुए कहा कि करसोग में जितने किसान इस तरह के अनाज की खेती कर रहे हैं इसका अध्यन करना चाहिए. इसकी बिक्री के लिए करसोग में एक जैविक कृषि उत्पादों के लिए बाजार बनाया जाएगा. इसके लिए सारे विभागों से बात कर युद्धस्तर पर जगह देखी जायेगी. जैविक खेती करने वाले किसानों के साथ मिलकर जल्द ही कृषि विभाग द्वारा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाया जाएगा. इसको आंदोलन का रूप दिया जाएगा. उन्होंने फास्ट फूड को अपने जीवन से निकालने पर जोर दिया.

कार्यक्रम में उपमंडल अधिकारी सन्नी शर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी पृथ्वी सिंह, करसोग नगर पंचायत उपअध्यक्ष बंसी लाल कौंडल,  भदारणु प्रधान दिलीप कुमार राजू,  कृषि विकास अधिकारी डॉक्टर मीना, महिला मोर्चा बबिता ठाकुर, शोधार्थी गगनदीप सिंह ने भी भाग लिया। आसपास के दर्जनों महिला मडलों इसमें शामिल रहे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here