धरती के सच्चे पुत्र सुंदरलाल बहुगुणा पंचतत्व में हुए विलीन

0
450
  • प्रकाश उप्रेती  

उत्तराखंड के इतिहास और भूगोल की समझ के साथ जो चेतना विकसित हुई उसमें महत्वपूर्ण भूमिका सुंदरलाल बहुगुणा जी की रही. पहाड़ की चेतना में सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरणविद् से पहले एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी विद्यमान थे. टिहरी में जहाँ उनका जन्म हुआ उस रियासत से लड़ते हुए उन्होंने जनता को संगठित कर उसके because हक़-हकूक के लिए लड़ना और बोलना सिखाया. जिस राजशाही और रियासत के खिलाफ कोई बोल नहीं सकता था उसके दमन और अत्याचार को उजागर करने वाले शख्सियत सुंदरलाल बहुगुणा थे. उन्होंने टिहरी रियासत के शोषण से लेकर अंग्रजों के जोर- जुल्म के खिलाफ भी पहाड़ की आवाज को मुखर किया.

सूर्य देव

सत्तर के दशक में जब पहाड़ के जंगलों को नीलाम कर बड़ी- बड़ी कंपनियों को दिया जा रहा था तो उन जंगलों की पुकार वह शख्स था जो आज हमारे बीच नहीं रहा. मिट्टी, बयार, because जंगल, जल और जीवन के लिए लड़ते हुए, उसके मायनों को समझते हुए और सत्ता की लाठी खाते हुए भी उन्होंने दुनिया को पर्यावरण का एक ऐसा पाठ पढ़ाया जो अमिट है. चिपको आंदोलन की गूंज बहुत दूर तक सुनाई दी थी. उस गूंज के एक बड़े योद्धा सुंदरलाल बहुगुणा थे. उनका नारा था-

सूर्य देव

क्या हैं but जंगल के उपहार
मिट्टी, पानी so और बयार

इस बारीकी से उन्होंने पहाड़ की जनता के साथ- साथ पूरी दुनिया का ध्यान पर्यावरण की तरफ खींचा. इस वैश्विक महामारी के दौरान पर्यावरण के महत्व को फिर से समझने की because कोशिश हो रही है. जंगल, जमीन और जल को हड़पने की होड़ और इन्हें नष्ट करने की नीतियों के चलते भी पूरी दुनिया आज संकट में है. ऐसे में सुंदरलाल बहुगुणा का मिट्टी, पानी और बयार को बचाने का संदेश महत्वपूर्ण हो जाता है.

सूर्य देव

जीवन के तमाम संघर्षों से लड़ते हुए आज 94 वर्ष की आयु में सुंदरलाल बहुगुणा ने पार्थिव शरीर को त्याग दिया. 8 मई से ही वह ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती थे. 94 वर्ष की because आयु में भी वह इस महामारी और अन्य बीमारियों से लड़ रहे थे लेकिन आज मिट्टी, पानी, बयार और जंगल की लड़ाई लड़ने वाले बहुगुणा इस वैश्विक महामारी से हार गए. वह आज उसी मिट्टी, पानी और बयार में लीन हो गए. ऐसे धरती पुत्र को श्रद्धांजलि.

सूर्य देव

(लेखक हिमांतर के कार्यकारी संपादक एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. पहाड़ के सवालों को लेकर मुखर रहते हैं.)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here