बुखार से पीड़ित हैं निजमुला घाटी में ग्रामीण, लॉकडाउन की वजह से नहीं मिल पा रहा उपचार

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शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं so और संचार सुविधाओं से ​महरूम निजमुला घाटी, लॉकडाउन की वजह से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे मरीज और उनके तीमारदार

हिमांतर ब्यूरो, चमोली

जनपद चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से बमुश्किल 26 किमी दूर स्थित बिरही वैली के कुछ गांवों में ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं. इस घाटी में पाणा, किराणी, झिंझी, दूरमी, पगना, सैंजी, गौंणा बगड़, निजमूला, ब्यारा because और गाड़ी गांंव हैं. विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिनमूला घाटी के कुछ गांवों में पिछले एक हफ्ते से बुखार का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन दूसरी ओर, यातायात बंद होने और बिरही घाटी में मूलभूत सुविधायुक्त कोई अस्पताल भी नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमाई हुई है.

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गौरतलब है कि इस क्षेत्र के 6—7 ग्रामसभाओं के ग्रामीण देश की आजादी की बाद से ही स्वास्थ्य एवं दूरसंचार की सुविधाओं से वंचित हैं. क्षेत्र के ग्रामीण देवानंद फर्स्वाण ने बताया कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था एएनएम के because भरोसे चल रही है. दूसरी ओर, सड़क मार्ग से लगभग 5 किमी दूर स्थित अंतिम गांव ईराणी के प्रधान मोहन सिंह ने बताया कि घाटी के कई गांवों में ग्रामणी बुखार से पीड़ित हैं. इस बारे में जब उन्होंने एएनएम से चर्चा की तो एएनएम because का कहना है कि वे नियमानुसार ही दवा दे सकती हैं, अन्यथा ग्रामीणों को निकटतमक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुख्य बाजार चमोली, जो यहां से 21 किमी दूर है या 31 किमी दूर जिला चिकित्सालय में जाना होगा.

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जनपद चमोली का बिरही घाटी क्षेत्र जो ब्रिटिश काल में गौंणा ताल पर्यटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, आज भी संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहा है. स्थानीय समाचार पत्र को जानकारी because देते हुए ​जनपद की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि निजमुला घाटी के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से मिली जनाकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियोंं को अविलंब कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं. जल्दी ही उपचार की व्यवस्था कर ली जाएगी.

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सभी फोटो : ज्योति थपलियाल because एवं बासवंत (शोध छात्र)

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