आमरऽ उत्तराखंड क हाल

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 2020 (रवांल्टी कविता )

  • अनुरूपा “अनुश्री”

उत्तराखण्ड बणी के कति साल हइगे,
बेरोजगार यो पहाड़ी मुलुकई रइगो.

कति पायो कति खोयो यूं सालु पोडो,
त पु किचा न पड्यो आमार पला ओडो.

इक्कीस साल बिचिगे यां आस मा,
कि किचा रोजगार आलो कतरांई त आमर हातु मा.

जियूं नेताऊं क बाना यो राज्य बणि्यो,
तियं भाई-भतीजावाद की राजनीति आणी.

जति पु नेता आये  ततियें राजनीति करी,
ओर घर  सबुओं आपड़ई भरे.

चंद लोगु को भलऽ कतरांई हई पु रल,
त का बड़ो काम दयो यें करी.

आपु वोटु को सोउदा करिके,
गरीब शरीफ दये बदनाम करी.

सोचो देई  मेर भाई – बइणियों,
कोइच छुटिगे तियूंक स बड़-बड़ वादा.

जागी जाओ अब त आमर पहाड़ क नवजवानो,
आपड़ उत्तराखंड क विकास करनऽ क बाना..

नानई, मोरी, उत्तरकाशी (उत्तराखंड)

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