Tag: World Environment Day

ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों ने किया वृक्षारोपण

ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवकों ने किया वृक्षारोपण

उत्तराखंड हलचल
सैंता यूं थे इन जन अपणु नौनु-नौनी जाणी औलाद तुम्हारी सेवा बिसरी भी जाली पर छैल दींन नि बिसराली ये डाली सैंता यूं थे इन जन अपणु नौनु-नौनी जाणी बाला जन ही हुंदिन ये डाली जब रखिलया यूं थे पाली तभी चमकली तुम्हारी घौर की हरियाली कुछ इन्ही भावों के साथ ‘ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड’ के स्वयंसेवकों द्वारा अलग—अलग स्थानों पर पौधा रोपण कार्यक्रम किया गया. पौधारोपण कार्यक्रम के पश्चात विद्वान जनों द्वारा सभी को संबोधित करते हुए बताया गया कि पर्यावरण में संरक्षण हेतु पौधा रोपण करना एवं उनके संरक्षण के लिए कार्य करने की अति आवश्यकता है. प्रकृति से जुड़ने के लिए उनके संवर्धन के लिए कार्य किए जाने चाहिए. प्रकृति के अति दोहन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. यह हम सभी का कर्तव्य है कि जिस प्रकृति से हवा पानी ईंधन मिलता है, उसके लिए हमको एक साथ मिलकर कार्य कर उसके संरक्षण के लिए आगे...
इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

उत्तराखंड हलचल
सहारनपुर. बुधवार को चिलकना रोड सहारनपुर में इंडियन नर्सरी मेन एसोसिएशन की टीम ने लोगो को नि:शुल्क पेड़ पौधों आवंटित किए और लोगो को पर्यावरण में पेड़ पौधे की विशेषता के बारे में बताया गया. अध्यक्ष मोहम्मद खालिद सहारनपुर उपाध्यक्ष मान सिंह सैनी उपाध्यक्ष मुशर्रफ अली महासचिव श्री रजनीश कुमार बंधु कोशा अध्यक्ष मेहमूद अली सह सचिव तेज सिंह सैनी सह सचिव अनिल कुमार द्वारा चिलकाना रोड विश्व पर्यावरण दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया,जिसमें 5000 पौधों का पर्यावरण संरक्षण हेतु नि:शुल्क वितरण किया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष मो खालिद ने कहा कि हम सबको पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने चाहिए क्योंकि एक वृक्ष 100 पुत्रों के समान होता है. एक पेड़ दिन में 230 लीटर ऑक्सीजन देता है और एक इंसान दिन में 14.5 लीटर ऑक्सीजन लेता हे पेड़ 5..6 डिग्री तापमान कम करता है और बारिश की संभावना बढ़ता है तो आप और ह...
पर्यावरण ही जीवन का स्रोत है

पर्यावरण ही जीवन का स्रोत है

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र  हमारा पर्यावरण पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश इन पंच महाभूतों या तत्वों से निर्मित है. आरम्भ में मनुष्य इनके प्रचंड प्रभाव को देख चकित थे. ऐसे में यदि इनमें देवत्व के दर्शन की परम्परा चल पड़ी तो कोई अजूबा नहीं है. आज भी भारतीय समाज में यह एक स्वीकृत मान्यता के रूप में आज भी प्रचलित है. अग्नि, सूर्य, चंद्र, आकाश, पृथ्वी, और वायु आदि ईश्वर के ‘प्रत्यक्ष’ तनु या शरीर कहे गए है. अनेकानेक देवी देवताओं की संकल्पना प्रकृति के उपादानों से की जाती रही है जो आज भी प्रचलित है. शिव पशुपति और पार्थिव हैं तो गणेश गजानन हैं. सीता जी पृथ्वी माता से निकली हैं. द्रौपदी यज्ञ की अग्नि से उपजी ‘याज्ञसेनी’ हैं. वैसे भी पर्यावरण का हर पहलू हमारे लिए उपयोगी है और जीवन को सम्भव बनाता है. वनस्पतियाँ हर तरह से लाभकर और जीवनदायी हैं. वृक्ष वायु-संचार के मुख्य आ...