Tag: Uttarakhand Foundation Day

प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन : फिल्म और संस्कृति के विकास पर चर्चा का मंच

प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन : फिल्म और संस्कृति के विकास पर चर्चा का मंच

देहरादून
उत्तराखंड की धरती को फिल्म शूटिंग के हब के रूप में विकसित करने और लोकसंस्कृति को संरक्षण देने के प्रयास देहरादून. दून विश्वविद्यालय (Doon University) में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, कला, एवं फिल्मों को बढ़ावा देने पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के CEO और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में कई आकर्षक फिल्म शूटिंग स्थल हैं, जो देश और दुनिया के फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर सकते हैं. उत्तराखंड फ़िल्म नीति 2024: क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों को मिलेगी 50% तक सब्सिडी उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के CEO और महानिदेशक सूचना बंशी...
महिला सशक्तिकरण : 24 साल के सफर में आधी आबादी ने भरी ऊंची उड़ान

महिला सशक्तिकरण : 24 साल के सफर में आधी आबादी ने भरी ऊंची उड़ान

उत्तराखंड हलचल
राज्य स्थापना दिवस (9 नवम्बर) पर विशेष देहरादून. पृथक उत्तराखण्ड राज्य के गठन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है. पलायन प्रभावित कई पहाड़ी जिलों में तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है. इस कारण महिलाओं को पहाड़ के लोक जीवन की धुरी भी कहा जाता है. अच्छी बात यह है उत्तराखण्ड राज्य के अब तक के 24 साल के सफर में महिलाएं अब हर ऊंचाई को छूती नजर आ रही है. उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से ही सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं. एक बड़ा सकारात्मक बदलाव, निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने से सामने आया. इससे अब विभिन्न स्तर पर महिला नेतृत्व उभरता हुआ नजर आने लगा है. वर्तमान सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, अब सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है. साथ ही पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत...
राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को दी श्रद्धांजलि

राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को दी श्रद्धांजलि

उत्तराखंड हलचल
'शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड के विकास हेतु प्रतिबद्ध' देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर शहीद स्थल कचहरी परिसर देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के कठिन परिश्रम, प्रयासों, दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प से ही उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा उत्तराखंड को विकल्प रहित संकल्प के मूल उद्देश्य के साथ सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र...
पर्वतीय राज्य का सपना क्या 22 वर्षों में पूरा हुआ?

पर्वतीय राज्य का सपना क्या 22 वर्षों में पूरा हुआ?

देहरादून
प्रकाश उप्रेती 9 नवंबर की तारीख़ पर्वतीय राज्य का सपना देखने वालों के लिए ऐतिहासिक महत्व की है.आज पूरे उत्तराखंड की सुबह "चलुक्" (भूकंप) से डोलती धरती के साथ हुई. ऐसा लगा कि गोया धरती भी 22 वर्षों की चिर निंद्रा से उत्तराखंड वासियों को जगाने की कोशिश कर रही है. क्या हम अब भी जागे? उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक- 2000 को 1 अगस्त की देर शाम जब लोक सभा ने ध्वनिमत से पारित किया तो देश के नक्शे पर 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड ( पर्वतीय राज्य की माँग के साथ) बनने का रास्ता साफ हुआ. 10 अगस्त को इस बिल को मंजूरी देने के पश्चात राष्ट्रपति ने 28 अगस्त , 2000 को राज्य के गठन की अधिसूचना जारी कर दी थी. अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने 1 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड की पहली सरकार गठन करने का फैसला किया, लेकिन पता चला कि उक्त दिन "ग्रह नक्षत्रों" के हिसाब से "शुभ" नहीं है. "शुभ" की आशा में 9 नवंबर, 2000 को...
उत्तराखंड स्थापना दिवस : 21 वर्षों में मुख्मंत्रियों के सिवा बदला क्या?

उत्तराखंड स्थापना दिवस : 21 वर्षों में मुख्मंत्रियों के सिवा बदला क्या?

देहरादून
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर विशेष प्रकाश उप्रेती उत्तराखंड राज्य के हिस्से में जो कुछ अभी है वह KBC यानी ‘कौन बनेगा करोडपति’  का एक प्रश्न है. यही हमारा हासिल भी है. हमारे यहाँ कौन बनेगा सीएम (KBC) सिर्फ because चुनाव के समय का प्रश्न नहीं है बल्कि स्थायी प्रश्न है. इसीलिए स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, परिवहन, पलायन आदि की स्थिति में कोई गुणात्मक अंतर इन 21वर्षों में नहीं आया है लेकिन वहीं इन 21 वर्षों में हमने 11 मुख्यमंत्री जनता पर थोप दिए. असल में यही हमारी 21 वर्षों की बड़ी उपलब्धि है. ज्योतिष एक राज्य के हिस्से में 21 वर्ष का समय क्या वाकई में वयस्क और परिपक्व होने का पर्याप्त समय है! विकास के पंचवर्षीय वादों पर वोट लुटा देने वाले नागरिक समाज के लिए 21 वर्ष के क्या मायने हैं. इन वर्षों में उन सपनों का क्या हुआ जिनके लिए संघर्ष किया गया था. इन 21 वर्षों में साल-दर-साल प...