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सेना का जवान, अब संभालेगा उत्तराखंड की कमान!

सेना का जवान, अब संभालेगा उत्तराखंड की कमान!

देहरादून
आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं कर्नल अजय कोठियाल!हिमांतर ब्यूरो, उत्तराखंडबीस साल के उत्तराखंड ने अब तक हमको कई मुख्यमंत्री दिए हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां शामिल हैं. उत्तराखंड की गलियों में यह चर्चा गरम है कि कर्नल because अजय कोठियाल (रिटा.) अब 'आम' होने जा रहे हैं. जानकारों सूत्रों के अनुसार कर्नल अजय कोठियाल 11 अप्रैल को खास से 'आम' हो जाएंगे. यानी की वह किसी भी समय आम आदमी पार्टी की दामन थाम सकते हैं. सूत्रों की माने तो because आम आदमी पार्टी उनको उत्तराखंड में बतौर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रमोट कर सकती है. लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन कर्नल कोठियाल का जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ. 7 दिसंबर 1992 को सेना में गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन की शुरूआत की. because ‘ऑपरेशन कोंगवतन’ के दौरान सात आतंकियों के ...
देहरादून में नाइट कर्फ्यू, 30 अप्रैल तक सभी स्कूल रहेंगे बंद

देहरादून में नाइट कर्फ्यू, 30 अप्रैल तक सभी स्कूल रहेंगे बंद

देहरादून
पिछले कुछ दिनों से देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. राज्य में सबसे अधिक कोरोना के मामले देहरादून में ही हैं. इसके अलावा हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है.हिमांतर ब्‍यूरो, देहादूनउत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए तीरथ सिंह रावत कैबिनेट ने राजधानी देहरादून में रात का कर्फ्यू (Night curfew) लगाने का फैसला किया है. कैबिनेट ने चकराता, कालसी क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण देहरादून जिले, हरिद्वार जिले, नैनीताल नगर पालिका एवं हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में कक्षा एक से 11वीं तक के सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रखने पर मुहर लगाई है. इन जगहों पर 10वीं एवं 12वीं की कक्षाओं की आफलाइन पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने पिछली त्रिवेंद्र सरकार के गैरसैंण को कमिश्नरी ब...
मेरी फूलदेई मेरा बचपन 

मेरी फूलदेई मेरा बचपन 

उत्तराखंड हलचल, पर्यावरण, साहित्‍य-संस्कृति
प्रकाश चंद्रपहाड़ का जीवन, सुख- दुःख और हर्षोउल्लास सब समाया होता है। जीवन का उत्सव प्रकृति का उत्सव है और प्रकृति, जीवन का अविभाज्य अंग। इसलिए पहाड़ी जीवन के रंग में प्रकृति का रंग घुला होता है। बिना प्रकृति के न जीवन है न कोई उत्सव और त्यौहार।पहाड़ों की रौनक उसके जीवन में है। पहाड़ों का जीवन उसके आस-पास प्रकृति में बसा है। हर ऋतु में पहाड़ों की रौनक, मिज़ाज, खिलखिलाहट अद्भुत एवं रमणीय होती है। इसी में पहाड़ का जीवन, सुख- दुःख और हर्षोउल्लास सब समाया होता है। जीवन का उत्सव प्रकृति का उत्सव है और प्रकृति, जीवन का अविभाज्य अंग। इसलिए पहाड़ी जीवन के रंग में प्रकृति का रंग घुला होता है। बिना प्रकृति के न जीवन है न कोई उत्सव और त्यौहार। पहाड़ों में लंबी सर्दी और बर्फबारी के बाद वसंत के आगमन का संकेत पहाड़ों पर खिलने वाले लाल, हरे, पीले, सफेद, और बैंगनी फूलों से मिल जाता है। अब तक बर्फ की...