Tag: Sudha Bhardwaj

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ!

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ!

कविताएं
सुधा भारद्वाज “निराकृति” अबोध भूली बाल स्वभाव वह... बहती थी सरिता सम वह... क्या सोच उसे समाज की... कुछ अजब रूढ़ी रिवाज की... परिणाम छूटी शि क्षा उसकी... नही हुई पूरी कोई आस उसकी... सपने देखे बहुत बड़े-बड़े थे... रिश्ते तब सब आन अड़े थे... छूट गयी सभी सखी सहेली... जीवन बना था एक पहेली... जिस उम्र में सखियाँ करती क्रीड़ा... वह झेल रही थी प्रसव पीड़ा... अबोध अशिक्षित अज्ञानी वह... क्या देगी बालक को शिक्षा... जीवन के हर कठिन मोड़ पर... काम तो आती है शिक्षा... परिस्थितियां विपरित भले हो... कार्य यदि हो सभी समय पर... नही उठाना पड़ता जोख़िम... हाथ बँटाती है शिक्षा... (विकासनगर उत्तराखण्ड)...