Tag: दीपावली

मन के दीप करें जग जगमग

मन के दीप करें जग जगमग

लोक पर्व-त्योहार
दीपावली पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र  अंधकार बड़ा डरावना होता है। जब वह गहराता है तो राह नहीं सूझती, आदमी यदि थोड़ा भी असावधान रहे तो उसे ठोकर लग सकती है और आगे बढ़ने का मार्ग अवरुद्ध भी हो सकता है। इतिहास गवाह है कि अंधकार के साथ  मनुष्य का संघर्ष लगातार चलता  चला आ रहा है। उसकी अदम्य जिजीविषा के आगे अंधकार को अंतत: हारना ही पड़ता है। वस्तुत: सभ्यता और संस्कृति के विकास की गाथा अंधकार के विरूद्ध संघर्ष का ही इतिहास है। मनुष्य जब एक सचेत तथा विवेक़शील प्राणी के रूप में जागता है तो अंधकार की चुनौती स्वीकार करने पर पीछे नहीं हटता। उसके प्रहार से अंधकार नष्ट हो जाता है। संस्कृति के स्तर पर अंधकार से लड़ने और उसके प्रतिकार की शक्ति को जुटाते हुए मनुष्य स्वयं को ही दीप बनाता है। उसका रूपांतरण होता है। आत्म-शक्ति का यह दीप उन सभी अवरोधों को दूर भगाता है जो व्यक्ति और उसके समुदाय को उसके लक्...
दीपावली से पहले इस दिन होगी कैबिनेट बैठक, बड़े और अहम फैसलों पर लगेगी मुहर!

दीपावली से पहले इस दिन होगी कैबिनेट बैठक, बड़े और अहम फैसलों पर लगेगी मुहर!

उत्तराखंड हलचल
देहरादून: इन दिनों सीएम धामी दिसंबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट की तैयारियों में जुटे हैं। लगातार विदेश दौरों के साथ देशभर में विभिन्न जगहों पर भ्रमण कर निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। जिसका असर भी नजर आ रहा है। इस बीच खबर है कि दीपावली से पहले 30 अक्तूबर को कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। राज्य सचिवालय में दोपहर 12 बजे से होने वाली इस बैठक में कई बड़े और अहम फैसले हो सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में औद्योगिक नीतियों में संशोधन के प्रस्ताव आ सकते हैं। बैठक में अन्य विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। बैठक में कर्मचारियों के दिवाली बोनस का प्रस्ताव भी आ सकता है।...
उत्तराखंड के सभी जनपदों में होगी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती, जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण : डॉ आर राजेश कुमार

उत्तराखंड के सभी जनपदों में होगी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती, जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण : डॉ आर राजेश कुमार

उत्तराखंड हलचल
दीपावली से पहले स्वास्थ्य सचिव ने दिया एनएचएम कर्मियों को बड़ा तोहफा, पात्र कार्मिकों को पितृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व बाल दत्तक अवकाश का मिलेगा लाभ उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक में स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने कई बड़े फैसलों पर लगाई अपनी मुहर देहरादून: कुमांउ मंडल के चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक ली। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। राज्य के कई अस्पतालों में अभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है जिसको देखते हुए यू कोट वी पे का चौथा चरण जल्द शुरू होगा ताकि सभी जनपदों में प्राथम...
त्यौहारों से पहले मिलावटखोरों के खिलाफ शुरू होगा विशेष अभियान

त्यौहारों से पहले मिलावटखोरों के खिलाफ शुरू होगा विशेष अभियान

उत्तराखंड हलचल
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किए कड़े निर्देश देहरादून: आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डा. आर. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में आगामी त्योहारी सीजन नवरात्र, दीपावली आदि के दौरान आम जनमानस द्वारा प्रमुखतय् प्रयोग में लाये जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने व इनमें मिलावट की संभावना के दृष्टिगत पूर्व से ही विभागीय कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें सर्विलांस नमूना संग्रहण, विधिक नमूनों का संग्रहण व त्वरित जांच, खाद्य प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण आदि घटक प्रमुख रूप से शामिल किये गये हैं। साथ ही मोबाईल फूड टेस्टिंग के माध्यम से खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच व उपभोक्ताओं को घरेलु तरीकों से मिलावट की जांच के संबध में जागरूक भी किया जायेगा। एफ0एस0एस0ए0आई0 भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य हेतु वर्ष 2023-24 वर्ष 2024-25 तैयार क...
दीपावली के ये दीपक भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज : प्रधानमंत्री  

दीपावली के ये दीपक भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज : प्रधानमंत्री  

देश—विदेश, लोक पर्व-त्योहार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत  हिमांतर ब्यूरो प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए भगवान राम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि आज अयोध्या जी दीपों से दिव्य हैं और भावनाओं से भव्य हैं. प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, आज अयोध्या नगरी भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे पहले यहां राज्यभिषेक के लिए आए थे तो उनके अंदर भावनाओं की लहरें दौड़ रही थीं. प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रशंसावश आश्चर्य व्यक्त किया कि जब भगवान श्री राम 14  वर्ष के वनवास के बाद लौटे होंगे तो अयोध्या को किस प्रकार सजाया गया होगा. उन्होंने टिप्पणी की, ‘आज इस अमृत काल में भगवान राम के आशीर्वाद से हम अयोध्या की दिव्यता और अमरता के साक्षी बन रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि हम उन परंपराओं और संस्कृतियों के वाहक हैं जिनमें त्योहार और उत्स...
दीपावली राष्ट्रलक्ष्मी की सुरक्षा का पर्व

दीपावली राष्ट्रलक्ष्मी की सुरक्षा का पर्व

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चंद तिवारी  दीपावली के दिन क्यों की जाती है लक्ष्मी के साथ सरस्वती और गणपति की पूजा ? प्रकाश का पर्व दीपावली पूरे देश में because लगातार पांच दिनों तक मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय लोकपर्व है। कृष्णपक्ष अन्धकार का प्रतीक है और शुक्लपक्ष प्रकाश का। इन दो पक्षों की संक्रान्तियों में गतिशील दीपावली का महापर्व अन्धकार से प्रकाश की ओर,अकाल से सुकाल की ओर‚मृत्यु से जीवन की ओर तथा निर्धनता से भौतिक समृद्धि की ओर अग्रसर होने का भी एक वार्षिक अभियान है। हरताली इस साल शुभ मुहूर्त कब है? इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 because और 25 अक्टूबर दोनों दिन दीपावली का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है। लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है। इसलिए 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि के अवसर पर दीपावली का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। हर...
तुम दीपक हम बाती

तुम दीपक हम बाती

Uncategorized, लोक पर्व-त्योहार
दीपावली पर विशेष  प्रो. गिरीश्वर मिश्र  भारतीय समाज अपने स्वभाव में मूलतः उत्सवधर्मी है और यहाँ के ज़्यादातर उत्सव सृष्टि में मनुष्य की सहभागिता को रेखांकित करते दिखते हैं। प्रकृति की रम्य क्रीड़ा स्थली होने के कारण मौसम के बदलते मिजाज  के साथ कैसे जिया जाय इस प्रश्न विचार करते हुए भारतीय जन मानस की संवेदना में ऋतुओं में होने वाले परिवर्तनों ने ख़ास जगह बनाई है. फलतः सामंजस्य और प्रकृति के साथ अनुकूल को ही जीवन का मंत्र बनाया गया. यहाँ जीवन का स्पंदन उसी के अनुसार होता है और उसी  की अभिव्यक्ति यहाँ के मिथकों  और प्रतीकों के साथ होती है. कला, साहित्य, संगीत आदि को भी सुदूर अतीत से ही यह विचार भावित करता आ रहा है. इस दृष्टि से दीपावली का लोक- उत्सव जीवन के हर क्षेत्र-घर-बार, खेत-खलिहान, रोज़ी-रोटी और व्यापार-व्यवहार सबसे जुड़ा हुआ है. इस अवसर पर भारतीय गृहस्थ की चिंता होती है घर-बाहर ...
प्रकाश पर्व है जीवन का आमंत्रण

प्रकाश पर्व है जीवन का आमंत्रण

लोक पर्व-त्योहार
दीपावली पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र  लगभग दो सालों से चली आती कोविड की महामारी ने सबको यह बखूबी जना दिया है कि जगत नश्वर है और जीवन और दुनिया सत्य से ज्यादा आभासी है. ऎसी दुनिया में आभासी because (यानी वर्चुअल!) का राज हो तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. सो अब आभासी दुनिया हम सब के बीच बेहद मजबूती से इस तरह पैठ-बैठ चुकी है कि वही सार लगती है शेष सब नि:सार है. उसमें सृजन और संचार की अतुलित संभावना सबको समेटती जा रही है. अब उसकी रीति-नीति के अभ्यास के बिना किसी का काम चलने वाला नहीं है. उसकी साक्षरता और निपुणता जीवन-यापन की शर्त बनती जा रही है. ऐसे में अब उत्सव और पर्व भी लोक-जीवन में यथार्थ से अधिक आभासी स्तर पर ही ज्यादा जिए जाने लगे हैं. ज्योतिष पढ़ें- मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण आवश्यक है शरद ऋतु भारत में उत्सवों की ऋतु है because और प्रकृति में उमड़ते तरल स्नेह के साथ कार्तिक का म...
अरे! ये तो कॉन्ट्रास्ट का ज़माना है…

अरे! ये तो कॉन्ट्रास्ट का ज़माना है…

किस्से-कहानियां
कहानी- कॉन्ट्रास्ट पार्वती जोशी पूनम ने अपनी साड़ियों की अल्मारी खोली और थोड़ी देर तक सोचती रही कि कौन-सी साड़ी निकालूँ. आज उसकी भाँजी रितु की शादी है. सोचा ससुराल पक्ष के सब लोग वहाँ उपस्थित होंगे. so उसे भी खूब सज धज कर वहाँ जाना होगा. उनमें से कोई भी साड़ी उसे पसंद नहीं आई. फिर भारी साड़ियों का बॉक्स खोला, हाल ही में उसने उन साड़ियों की तह खोलकर, उलट-पलट कर उन्हें बाहर हवा में रखा था. ग़रीब भाई वे उसके पास आकर बोले “बैनी! तेरा ये ग़रीब भाई तुझे क्या दे सकता है, ये तेरे सुहाग की चूड़ियाँ हैं, अल्ला ताला से दुआ माँगता हूँ कि तेरा सुहाग सदा बना रहे.” डबडबाई because आँखों से पूनम ने उनका हाथ पकड़ा. रुँधे गले से वह केवल इतना ही कह पाई,” नज़र भइया! ये मेरी शादी का सबसे खूबसूरत और क़ीमती तोहफ़ा है, इसे मैं हमेशा सँभाल कर अपने पास रखूँगी.” साड़ियों साल में एक बार वह उन साड़ियों को...
न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

न्यायदेवता ग्वेलज्यू के अष्ट-मांगलिक नारी सशक्तीकरण के सिद्धांत

साहित्‍य-संस्कृति
डॉ. मोहन चंद तिवारी "नारी! तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पगतल में. पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में..”                       –जयशंकर प्रसाद 8 मार्च का दिन समूचे विश्व में 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के रूप में मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं को स्नेह, सम्मान और उनके सशक्तीकरण का भी दिन है. because हिंदी के जाने माने महाकवि जयशंकर प्रसाद जी की उपर्युक्त पंक्तियों से भला कौन अपरिचित है जिन्होंने श्रद्धा और विश्वास रूपिणी नारी को अमृतस्रोत के रूप में जीवन के धरातल में उतारा है. प्राचीन काल से ही हमारे समाज में नारी का विशेष आदर और सम्मान होता रहा है. हमारे पौराणिक ग्रंथों में नारी को पूज्यनीय एवं देवीतुल्य माना गया है. हमारी धारणा रही है कि देव शक्तियां वहीं पर निवास करती हैं जहां पर समस्त so नारी जाति को प्रतिष्ठा व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. कोई भी परि...