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घंडियाल देवता मंदिर गजा से होते हैं हरिद्वार और हिमालय के दर्शन : मुख्यमंत्री

घंडियाल देवता मंदिर गजा से होते हैं हरिद्वार और हिमालय के दर्शन : मुख्यमंत्री

टिहरी गढ़वाल
मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय पहले गजा घण्टाकर्ण महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. गजा, टिहरी में आयोजित ‘प्रथम’ गजा घण्टाकर्ण महोत्सव-2025 का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने गजा स्थित घण्टाकर्ण मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा राज्य आंदोलनकारी शहीद बेलमती चौहान की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सभी को महोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं दी. सीएम धामी ने कहा कि ऐसे महोत्सव समृद्ध संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ाने में अद्वितीय सहयोग देते हैं. गजा घण्टाकर्ण मंदिर पौराणिक मंदिरों में से एक है. बद्रीनाथ की परिक्रमा के बाद दूसरी परिक्रमा यहां पर की जाती है. पर्यटन की दृष्टि से यह अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थल है, जहां से हरिद्वार और हिमालय के दर्शन होते हैं. उन्होंने कहा कि महोत्सव के आयोजन से यहां पर विकास की एक नई नींव पड़ रही है, ...
ग्राम देवता के प्रति बढ़ती युवाओं की आस्था!

ग्राम देवता के प्रति बढ़ती युवाओं की आस्था!

टिहरी गढ़वाल
सदियों पुरानी घंडियाल देवता की 'जात' को पुनर्जीवित करते भिलंगना घाटी के जोगियड़ा गांव के युवा टिहरी गढ़वाल के विकास खंड भिलंगना, ग्राम सभा जोगियड़ा के युवाओं मैं आजकल एक नया उत्साह देखने को मिला रहा है. यह उत्साह है घंडियाल देवता की जात को लेकर. कई वर्ष पूर्व ग्रामवासी गांव से कुछ दूरी पर भगवान घंडियाल देवता की एक दिवसीय जात करते थे, जिसमें सभी लोग श्रद्धापूर्वक रात्रि व्रत लेकर, क्षेत्र, गांव एवं परिवार की सुख समृद्धि के लिए घंडियाल देवता का आशीष लेते थे. चूंकि यहा स्थान गांव के ठीक ऊपर है और ऐसी मान्यता है कि यंही से घंडियाल देवता पूरे गांव पर अपनी दृष्टि रखते हैं. समय के साथ-साथ गांव के लोग नौकरी-पेशे अथवा अन्य कारणों से गांव से दूर देश—प्रदेश में चले और कुछ लोग अपनी बच्चों की पढ़ाई को लेकर गांव से पलायन कर गए. धीरे—धीरे यह परम्परा खत्म होने के कगार पर पहुंच गई. लेकिन इस वर्ष युवाओं न...