Tag: हर्षिल

पीएम मोदी ने हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर सीएम को दी शाबाशी

पीएम मोदी ने हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर सीएम को दी शाबाशी

उत्तरकाशी
राज्य सरकार के प्रयासों को बार-बार सराहा, अहम फैसले लेने और उन्हें लागू करने पर संतुष्टि जाहिर उत्तरकाशी. शीतकालीन यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शानदार बॉन्डिंग गुरूवार को भी दिखी. प्रधानमंत्री को जब जहां मौका मिला, वह मुख्यमंत्री को शाबासी देते, प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दिए. भाषण खत्म कर मुख्यमंत्री जैसे ही प्रधानमंत्री के करीब पहुंचे, तो पहले तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया. बाद में मुख्यमंत्री की पीठ भी थपथपा दी. एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेने और उन्हें अमल में लाने के मुख्यमंत्री के अंदाज को शीर्ष स्तर पर पसंद किया जा रहा है. चाहे समान नागरिक संहिता हो या राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, प्रधानमंत्री के स्तर पर मुख्यमंत्री को भरपूर शाबासी मिली है. अब शीतकालीन यात्रा के लिए राज्य सरकार के प्रयास पर प्रधानमंत्री संतुष्ट नजर आ रहे हैं. अ...
प्रस्तावित दौरा: प्रधानमंत्री 27 को आएंगे हर्षिल-मुखवा, तैयारियां अंतिम दौर में

प्रस्तावित दौरा: प्रधानमंत्री 27 को आएंगे हर्षिल-मुखवा, तैयारियां अंतिम दौर में

उत्तराखंड हलचल
शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस ऐतिहासिक अवसर को भव्य स्वरूप देने में जुटा शासन-प्रशासन   हिमांतर ब्यूरो, उत्तरकाशी हर्षिल/उत्तरकाशी. उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी की हर्षिल-मुखवा की प्रस्तावित यात्रा को अत्यंत महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक अवसर के तौर पर लेते हुए इस दौरे को भव्य तरीके से आयोजित करने की तैयारियां की जा रही है. जिसके लिए शासन-प्रशासन के द्वारा तैयारियां तेज कर प्रस्तावित कार्यक्रमों व व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसी सिलसिले में आज सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त गढ़वाल मंडल  विनय शंकर पांडेय, सचिव प्रोटोकॉल विनोद कुमार सुमन, आईजी गढ़वाल मंडल  राजीव स्वरूप ने जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक  सरिता डोभाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हर्षिल से लेक...
फरवरी में मुखवा और हर्षिल का भ्रमण करने उत्तराखंड आएंगे पीएम मोदी  

फरवरी में मुखवा और हर्षिल का भ्रमण करने उत्तराखंड आएंगे पीएम मोदी  

उत्तरकाशी
हिमांतर ब्यूरो, उत्तरकाशी उत्तरकाशी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगामी फरवरी माह में गंगा जी के शीतकालीन प्रवास मुखवा और हर्षिल का भ्रमण संभावित है. जिसे देखते हुए जिले के इस सीमांत क्षेत्र के निवासी अत्यंत उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री के संभावित भ्रमण को लेकर जिला प्रशासन के स्तर से तैयारियां तेज कर दी गई है. जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने आज पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ हर्षिल एवं मुखवा का भ्रमण कर प्रधानमंत्री के दौरे के लिए विभिन्न विभागों व संगठनों के स्तर से की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और प्रधानमंत्री की आगवानी, रूट प्लान एवं अन्य कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया. प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम को देखते हुए मुखवा गांव की सड़क को सुधारे जाने के साथ ही बिजली, पानी, पार्किंग आदि व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने का काम शुरू किया गया है....
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बर्फबारी जारी!

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बर्फबारी जारी!

उत्तरकाशी
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट दिए ने पर्यटकों की सुरक्षा एवं सुविधाओं का पूरा ध्यान रखेने के निर्देश नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय उत्तरकाशी सहित जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में आज दिनभर हल्की वर्षा तथा जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फवारी का सिलसिला जारी है. बर्फबारी जारी रहने से गंगोत्री-यमुनोत्री धाम सहित यमुना जी के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली एवं गंगा जी के शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव सहित जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित अनेक गांव बर्फ से ढक गए हैं. हिमाच्छादित क्षेत्रों की सड़कों पर यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए मशीनों एवं श्रमिकों की तैनाती के फलस्वरूप जिले की अधिकांश सड़कें बर्फबारी के बावजूद सामान्य दिनों की तरह खुली रहीं. हर्षिल क्षेत्र के आखिरी गांव मुखवा एवं धराली तक विद्युत आपूर्ति भी सुचारू है. हर्षिल एवं सांकरी क्षेत्र में इन दिनों काफी स...
विश्व पर्यटन दिवस: चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार

विश्व पर्यटन दिवस: चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार

दिल्ली-एनसीआर
जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए मिला पुरस्कार नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया. पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया. इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है. साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच यह गांव तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित क...
उत्तरकाशी : वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हर्षिल पहुंचे राज्यपाल  

उत्तरकाशी : वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हर्षिल पहुंचे राज्यपाल  

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, हर्षिल (उत्तरकाशी)  जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट गांवों की जीवंतता को कायम रखने के लिए इन गांवों में पर्यटन विकास, बागवानी के विस्तार तथा आजीविका संवर्द्धन ने नए और बेहतर अवसर सृजित करने पर जोर देते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा है कि इन गांवों की तकदीर और तस्वीर बदलने की सरकार की कोशिशों में सभी विभागों और संगठनों का प्रतिबद्धता से एकजुट प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत गांव जादुंग को देश के पहले गांव के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए सरकार के प्रयास फलीभूत होने जा रहे हैं और यह पहल इस सीमावर्ती क्षेत्र में बदलाव की नई बयार लाएगी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) जिले के सीमांत क्षेत्र के वाईब्रेंट विलेज के गांवों के दो दिनों के भ्रमण पर हैं। हर्षिल हैलीपैड पर पहुंचने के बाद राज्यपाल बगोरी होते हुए धराली गां...
उत्तराखंड में उद्यानीकरण की हकीकत

उत्तराखंड में उद्यानीकरण की हकीकत

उत्तराखंड हलचल
पलायन ‘व्यक्तिजनित’ नहीं ‘नीतिजनित’ है भाग-3 चारु तिवारी  सरकार बार-बार कह रही है कि उद्यानीकरण को रोजगार का आधार बनायेगी. मुख्यमंत्री अपने हर संबोधन में बता रहे हैं कि वे फलोत्पादन और नकदी फसलों से लोगों की आमदनी बढ़ायेंगे, ताकि वे महानगरों की ओर न भागें. सरकार अगर इस तरह सोच रही है तो निश्चित रूप से उसने उद्यानीकरण पर अपना रोडमैप जरूर तैयार किया होगा. मुख्यमंत्री और सरकार की ओर से वही पुरानी बातें कही गई हैं, जो योजनाओं और कागजों तक सीमित रहती हैं. इनके धरातल में न उतरने की वजह से ही लोगों का फलोत्पादन से मोहभंग हुआ. परंपरागत रूप से फलोत्पादन हमारी अर्थव्यवस्था का आधार रही है. फल, सब्जियों, कृषि उपजों आदि से ही ग्रामीण अपना भरण-पोषण करते रहे हैं. पहाड़ में मनीआर्डर की अर्थव्यवस्था एक साजिश है. बहुत तरीके से लाई गई है. यह साबित कराने के लिये कि पहाड़ों में कुछ नहीं हो सकता. बाहर ...