
हाईकमान और आलाकमान की राजनीति में ‘कमानविहीन’ हुआ उत्तराखंड
प्रकाश उप्रेती
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके पिछले कुछ दिनों से भयंकर ठंड से ठिठुर रहे हैं वहीं चुनावी तापमान ने देहरादून को गर्म कर रखा है. देहरादून की चुनावी तपिश से पहाड़ के इलाके बहुत प्रभावित तो नहीं होते लेकिन दुर्भाग्य because यह है कि उनके भविष्य का फैसला भी इसी तपिश से होता है. इसलिए ही जब उत्तराखंड के लोग गैरसैंण राजधानी की माँग करते हैं तो उसके पीछे पर्वतीय प्रदेश की संरचना और जरूरतें हैं क्योंकि देहरादून की नज़र तो दिल्ली की तरफ और पीठ पहाड़ की तरफ होती है. दिल्ली ही देहरादून को चलाती है. इसलिए उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके अलग उत्तराखंड राज्य के 21 वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, जमीन, रोजगार, कृषि, जलसंकट और पलायन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.
ज्योतिष
उत्तराखंड को बने 21 वर्ष हो गए हैं. इन 21 वर्षों में 11 मुख्यमंत्रियों के साथ बीजेपी- कांग्रेस की सरकारे...