Tag: सराद

पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

लोक पर्व-त्योहार
पितृपक्ष: धर्मशास्त्रीय विवेचन-2 डॉ. मोहनचंद तिवारी मैंने पिछले लेख में भारतीय काल गणना के अनुसार पितृपक्ष के बारे में बताया था कि धर्मशात्र के ग्रन्थ  ‘निर्णयसिन्धु’ के अनुसार आषाढी कृष्ण अमावस्या से पांच पक्षों के because बाद आने वाले पितृपक्ष में जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है तब पितर जन क्लिष्ट होते हुए अपने पृथ्वीलोक में रहने वाले वंशजों से प्रतिदिन अन्न जल पाने की इच्छा रखते हैं- “आषाढीमवधिं कृत्वा पंचमं because पक्षमाश्रिताः. कांक्षन्ति because पितरःक्लिष्टा अन्नमप्यन्वहं because जलम् ..” ज्योतिष यानी आश्विन मास के पितृपक्ष में पितरों को यह आशा रहती है कि हमारे पुत्र-पौत्रादि हमें पिण्डदान तथा तिलांजलि देकर संतुष्ट करेंगे. इसी इच्छा को लेकर वे पितृलोक से पृथ्वीलोक में because आते हैं. पितृपक्ष में यदि पितरों को पिण्डदान या तिलांजलि नहीं मिलती है तो वे पितर निरा...
सराद बाबू का…

सराद बाबू का…

किस्से-कहानियां
नीमा पाठक इस साल बचुली बूबू दो तीन महीनों के लिए अपने मैत आई थी. कितना कुछ बदल गया था पहाड़ में अब हरे भरे ऊँचे पहाड़ भी जगह  जगह उधरे पड़े थे. पहाड़ों के बीच में because गगन चुम्बी बिजली या मोबाईल के टावर खड़े थे. जंगल में चरती गाएँ भी अब कहीं नजर नहीं आ रही थीं. खेत भी या तो बंजर थे जिनमें जंगली घास उग आई थी या फिर ‘बरसीम घास’ चारे के लिए बो दी गई थी. बचुली बूबू को याद आने लगे अपने पुराने दिन जब बाबू बड़बाज्यू का श्राद्ध करते थे कितनी because तैयारी होती थी, पहले दिन से ही पंडित जी को याद दिला दी जाती थी, आस पास की बहन बेटियों को निमंत्रण दिया जाता था, बिरादरी के लोग तो आते ही थे. ज्योतिष अनाज बोना तो छोड़ ही दिया था लोगों ने क्योंकि सरकार की तरफ से किसी वर्ग को मुफ्त में और किसी को नाममात्र की कीमत पर अनाज बंट रहा था. कौन मूर्ख होगा जो खेतों में because काम करेगा, उसके लिए बैल पाल...
पितृपक्ष: आखिर इस बार 17 दिनों के क्यों हुए श्राद्ध

पितृपक्ष: आखिर इस बार 17 दिनों के क्यों हुए श्राद्ध

लोक पर्व-त्योहार
पितृपक्ष में श्राद्ध एक धर्मशास्त्रीय विवेचन डॉ. मोहन चंद तिवारी इस साल पितृपक्ष सोमवार 20 सितंबर से प्रारम्भ हो चुका है और 6 अक्टूबर को समाप्त होगा. पितृपक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आता है. इसकी शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है, जबकि because समाप्ति अमावस्या पर होती है. आमतौर पर पितृपक्ष 16 दिनों का होता है, लेकिन इस साल तिथि के एक दिन बढ़ जाने से यह 17 दिनों का हो गया है. 26 सितंबर को श्राद्ध तिथि का अभाव होने से इस दिन श्राद्ध नहीं होगा. इस प्रकार श्राद्ध की तिथि बढ़ने से इस बार एक नवरात्र भी कम हो गया है इस बार पितृपक्ष की तिथिवार श्राद्ध की स्थिति इस प्रकार है- ज्योतिष 20 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध 21 सितंबर because को प्रतिपदा श्राद्ध 22 सितंबर because को द्वितीया श्राद्ध 23 सितंबर because को तृतीया श्राद्ध 24 सितंबर because को चतुर्थी श्राद्ध 25 सितंबर को पंचमी श...