पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

पितृपक्ष: धर्मशास्त्रीय विवेचन-2 डॉ. मोहनचंद तिवारी मैंने पिछले लेख में भारतीय काल गणना के अनुसार पितृपक्ष के बारे में बताया था कि धर्मशात्र के ग्रन्थ  ‘निर्णयसिन्धु’ के अनुसार आषाढी कृष्ण अमावस्या से पांच पक्षों के because बाद आने वाले पितृपक्ष में जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है तब पितर जन क्लिष्ट होते हुए अपने पृथ्वीलोक […]

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 सराद बाबू का…

सराद बाबू का…

नीमा पाठक इस साल बचुली बूबू दो तीन महीनों के लिए अपने मैत आई थी. कितना कुछ बदल गया था पहाड़ में अब हरे भरे ऊँचे पहाड़ भी जगह  जगह उधरे पड़े थे. पहाड़ों के बीच में because गगन चुम्बी बिजली या मोबाईल के टावर खड़े थे. जंगल में चरती गाएँ भी अब कहीं नजर नहीं […]

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 पितृपक्ष: आखिर इस बार 17 दिनों के क्यों हुए श्राद्ध

पितृपक्ष: आखिर इस बार 17 दिनों के क्यों हुए श्राद्ध

पितृपक्ष में श्राद्ध एक धर्मशास्त्रीय विवेचन डॉ. मोहन चंद तिवारी इस साल पितृपक्ष सोमवार 20 सितंबर से प्रारम्भ हो चुका है और 6 अक्टूबर को समाप्त होगा. पितृपक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आता है. इसकी शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है, जबकि because समाप्ति अमावस्या पर होती है. आमतौर पर पितृपक्ष 16 दिनों […]

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