Tag: वड़

‘वड’ झगडै जड़

‘वड’ झगडै जड़

संस्मरण
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—43 प्रकाश उप्रेती आज बात “वड” की. एक सामान्य सा पत्थर जब दो खेतों की सीमा निर्धारित करता है तो विशिष्ट हो जाता है. 'सीमा' का पत्थर हर भूगोल में खास होता है. ईजा तो पहले से कहती थीं कि-because “वड झगडै जड़” (वड झगड़े का कारण). 'वड' उस पत्थर को कहते हैं जो हमारे यहाँ दो अलग-अलग लोगों के खेतों की सीमा तय करता है. सीमा विवाद हर जगह है लेकिन अपने यहाँ 'वड' विवाद होता है. पहाड़ में वाद-विवाद और 'घता-मघता' (देवता को साक्षी मानकर किसी का बुरा चाहना) का एक कारण 'वड' भी होता था. ईजा के जीवन में भी वड का पत्थर किसी न किसी रूप में दख़ल देता था . ज्योतिष जब भी परिवार में भाई लोग “न्यार” (भाइयों के बीच बंटवारा) होते थे तो जमीन के बंटवारे में, वड से ही तय होता था कि इधर को तेरा, उधर को मेरा. 'पंच', खेत को नापकर बीच because में वड रख देते थे. यहीं से तय हो जाता था...
वड़ और एक नारी की पीड़ा

वड़ और एक नारी की पीड़ा

संस्मरण
डॉ. गिरिजा किशोर पाठक गांव की कहावत है 'वड़ (Division stone), झगड़ जड़'. जब दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा होता है तो खेतों के बीच बंटवारे के बाद विभक्त जमीन में एक लम्बा पत्थर खड़ा करके गाड़ दिया जाता है जिसे वड़ (division line) कहते हैं. भाइयों में जमीन के बंटवारे पर एक बार वड़ डल जाने पर ये हमेशा के लिए दो भाइयों की जमीन की सीमा रेखा बन जाती है. इस वड़ (सीमा रेखा) के कारण खेती किसानी में परिवारों में बहुत झगड़े, लड़ाइयां, मुकदमे देखने को मिलते हैं क्योंकि अस्थाई तौर पर गाड़े गए पत्थर की जो मर्यादा रखते हैं वो सीमा का उल्लंघन नहीं करते और खुराफाती इसको मनमाने ढंग से खिसका कर विवाद पैदा करते हैं. हमारे गांव में 2 ऐसे महत्वपूर्ण/खुराफाती पुरुष थे जिनका काम अल्मोड़ा, सोर और बागेश्वर जाकर अपनी नई जमीन के लिए दरख्वास्त (fresh application) लगाना होता था. वड़ के झगड़े पर राजस्व ...