Tag: महाबीर रवांल्टा

रवांल्टी के मील का पत्थर हैं महाबीर रवांल्टा

रवांल्टी के मील का पत्थर हैं महाबीर रवांल्टा

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार महाबीर रवांल्टा को उत्तराखंड शासन द्वारा उत्तराखंड because भाषा संस्थान में बतौर सदस्य नामित किए जाने पर लोक भाषा व भाषा प्रेमियों के दिन बहुरेंगे साहित्य साधकों में इस बात को लेकर जहाँ नई उम्मीद जगी है, वहीं उनके चयन को लेकर सम्पूर्ण क्षेत्र में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी है. बढ़ेगी बताते चलें प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में उत्तराखंड भाषा संस्थान (ULI) सभा का गठन किया गया. जिसे प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जायेगा. संस्थान के because अध्यक्ष मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तथा कार्यकारी अध्यक्ष प्रदेश के भाषा मंत्री यतीश्वरानंद होंगे. संस्थान के सदस्यों में हिंदी, उर्दू, पंजाबी एवं लोक भाषा के 12 विख्यात भाषाविद व साहित्यकारों को नामित किया गया है. बढ़ेगी शासन द्वारा भाषा संस्थान हेतु लोकभाषा के अंतर्ग...
उत्तराखंड में भारत रंग महोत्सव

उत्तराखंड में भारत रंग महोत्सव

कला-रंगमंच
रंगमंच महाबीर रवांल्टा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में संस्कृति विभाग एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 21वां भारत रंग महोत्सव 6 फरवरी से 12 फरवरी 2020 तक हुआ. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा भारत रंग महोत्सव देश के चार शहरों में पांडिचेरी, नागपुर, शिलांग व देहरादून में आयोजित किए गए जिनमें देश के चयनित नाट्य दलों के साथ ही विदेशी नाट्य दलों की प्रस्तुतियां भी शामिल रही. 6 फरवरी को रिस्पना पुल के निकट नवनिर्मित प्रेक्षागृह के लोकार्पण एवं नाट्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानंद गगोड़िया, संस्कृति विभाग की निदेशक डॉ बीना भट्ट की उपस्थिति में प्रेक्षागृह को रंगकर्मियों को समर्पित किया. उदघाटन सत्र में सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, प्रख्यात रंगमंच ए...
गढ़वाली रंगमंच व सिनेमा के बेजोड़ नायक :  बलराज नेगी

गढ़वाली रंगमंच व सिनेमा के बेजोड़ नायक :  बलराज नेगी

साहित्यिक-हलचल
जन्मदिन (30 जून)  पर विशेष महाबीर रवांल्टा गढ़वाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता और रंगकर्मी बलराज नेगी का जन्म 30 जून 1960 को चमोली जिले के भगवती (नारायणबगड़) गांव के इन्द्र सिंह नेगी व धर्मा देवी के घर में हुआ था.सात भाई और दो बहिनों के परिवार में वे चौथे स्थान पर थे. आपके पिता गांव में परचून की दूकान चलाते थे. बलराज की आरंभिक शिक्षा नारायणबगड़ में हुई फिर डीएवी कालेज देहरादून से पढ़ने के बाद दिल्ली के करोड़ीमल कालेज से आपने स्तानक किया. दिल्ली में पढ़ाई के दौरान बलराज का रुझान नाटकों की ओर होने लगा और इन्होंने इसी क्षेत्र में कुछ करने का मन बना लिया. चंद्रा अकादमी ऑफ एक्टिंग मुंबई में प्रवेश लेने से पूर्व आपको किरण कुमार, राकेश पांडे, योगिता बाली जैसे कलाकारों की कसौटी से गुजरना पड़ा था. फिल्म एवं टेलीविजन  संस्थान पुणे के पूर्व प्रिंसिपल गजानन जागीरदार के मार्गदर्शन में आप...
निस्पृह प्रेमगाथा की शानदार प्रस्तुति

निस्पृह प्रेमगाथा की शानदार प्रस्तुति

साहित्यिक-हलचल
पुस्तक समीक्षा दिनेश रावत 'एक प्रेमकथा का अंत' महाबीर रवांल्टा की नवीन प्रकाशित नाट्य कृति है, जिसका ताना—बाना लोक की भावभूमि पर बुना गया है. गजू—मलारी की निश्चल प्रेमगाथा जहाँ नाटक की सुघट आत्मा है तो परिवेश और प्रचलित शब्दावली सौष्ठव. निश्चित ही ये गजू—मलारी की वही प्रेमगाथा है जिसे कभी प्रेम की पराकाष्ठा तय करने के लिए तो कभी आमोद—प्रमोद या मनरंजन के लिए सदियों से समान रूप से गाया, दोहराया जाता रहा हैं परन्तु सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य की सांसारिक चहल—पहल से दूर दूरस्थ ग्राम्य अंचल दोणी—भितरी में घटित, प्रेम को नव आयाम प्रदान कर नई परिभाषा गढ़ती प्रस्तुत कृति की नायिका मलारी जहाँ बिना कुछ देखे, भोगे ही परलोक वासिनी बन स्वर्ण प्रतिमा के रूप में गजू की कंठ माला बन गजू के साथ बुग्यालों के विरंजन में विलीन हो जाती है तो प्रसंग गीत, गाथाओं में गूंथने के बाद भी सम्बंधित लोक की परिधि ...