गंधर्व गाथा -1 पुष्कर सिंह रावत उत्तरकाशी में भागीरथी तट पर एक आश्रम है शंकर मठ. ये छोटा सा आश्रम हमारे जेपी दा (जयप्रकाश राणा) का रियाज करने का ठिकाना हुआ करता था. बता दूं कि जेपी दा खुद भी तबले में प्रभाकर हैं और लोक कलाकारों की पहचान करने में उन्हें महारथ है. करीब […]
चलो, बचपन से मिल आयें भाग—1 डॉ. अरुण कुकसाल बचपन में हम बच्चों की एक तमन्ना बलवान रहती थी कि गांव की बारात में हम भी किसी तरह बाराती बनकर घुस जायं. हमें मालूम रहता था कि बडे हमको बारात में ले नहीं जायेगें. पर बच्चे भी ‘उस्तादों के उस्ताद’ बनने की कोशिश करते थे. […]
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