गधेरों से उठता सिर्फ धुआँ…
प्रकाश उप्रेती पहाड़ के गाँव महामारी के कई रूपों से लड़ रहे हैं. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आलम सरकार दर सरकार दर जर्ज़र होता गया. तहसील और जिले के अस्पतालों में डॉ. के नाम रेफर बाबू हैं और दवा के नाम पर कैल्शियम की गोलियां. अखबारों में अस्पताल के अभाव में दम तोड़ते लोग, प्रसव पीड़ा […]
Read More
Recent Comments