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संकट में है आज विश्वमैत्री का प्रतीक हिमालय पुष्प ‘ब्रह्मकमल’

संकट में है आज विश्वमैत्री का प्रतीक हिमालय पुष्प ‘ब्रह्मकमल’

समसामयिक
2 अगस्त विश्वमैत्री दिवस पर विशेष डॉ. मोहन चन्द तिवारी आज 2अगस्त प्रथम रविवार के दिन को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर मैं विश्वमैत्री का संदेश देने वाले संजीवनी तुल्य हिमालय के दुर्लभ पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ के सम्बंध में सभी पर्यावरण प्रेमी मित्रों को बताना चाहता हूं कि खलजनों की मित्रता के समान भारतराष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक यह उत्तराखंड का राज्यपुष्प 'ब्रह्मकमल’ आज संकट के दौर में है. ‘ब्रह्मकमल’ ऊँचाई वाले क्षेत्रों का एक दुर्लभ पुष्प है जो कि सिर्फ हिमालय,उत्तरी बर्मा और दक्षिण-पश्चिम चीन में पाया जाता है. वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से ‘ब्रह्मकमल’ एस्टेरेसी कुल का पौधा है. इसका वैज्ञानिक वानस्पतिक नाम ‘सोसेरिया ओबोवेलाटा’ Saussurea obvallata है.सामान्य तौर पर ‘ब्रह्मकमल’ हिमालय की पहाड़ी ढलानों या 3000-5000 मीटर की ऊँचाई में पाया जाता है. वर्त...