Tag: पंजाब

हीर की फुलकारी…

हीर की फुलकारी…

ट्रैवलॉग
‘फुलकारी पुलाव’ पंजाब की लुप्‍त होती जा रही एक रेसीपी है… मंजू दिल से… भाग-3 मंजू काला सोहने फुल्लां विच्चों फुल गुलाब नी सखि सोहणे देशां विच्चों देश पंजाब नी सखियों बगदी रावी ते झेलम चनाय नी सखियों देंदा भुख्या ने रोटी पंजाब दी सखियों... पंजाब यानी जिसके ह्रदय स्थल पर पांच नदियां- झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज, व्यास नामक जलधाराऐं अठखेलियां करती हैं. इस प्रदेश के बारे में दावा किया जाता है कि यही वो धरती है because जहाँ वोल्गा से विहार करती हुई आर्य सभ्यता ने सिंधु नदी के तट को अपना आशियाना बनाया. प्यारे पंजाब की माटी का परिचय उसकी जीवन को स्फूर्ति और गति देने वाली सभ्यता में छिपा है. सरिताओं के स्वच्छ जल से सिंचित लहलहाते अन्न की बालियों से हरे-भरे खेत, गिद्दा और भांगड़ा so की ताल पर थिरकते “मुटियार” और लहलहाती फसलें, दूध और दही की नदियों के साथ फिजाओं में तैरती “बुल्ले श...
हिंदी की स्थिति, गति और उपस्थिति

हिंदी की स्थिति, गति और उपस्थिति

शिक्षा
भारत भाषाओं की दृष्टि से एक अद्भुत देश है जिसमें सोलह सौ से अधिक भाषाएं हैं… प्रो. गिरीश्वर मिश्र किसी भी देश के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में भाषा बड़ी अहमियत रखती है. भाषा हमारे जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में दखल देती है. because वह स्मृति को सुरक्षित रखते हुए एक ओर अतीत से जोड़े रखती है तो दूसरी ओर कल्पना और सर्जनात्मकता के सहारे अनागत भविष्य के बारे में सोचने और उसे रचने का मार्ग भी प्रशस्त करती है. भारत भाषाओं की दृष्टि से एक अद्भुत देश है जिसमें सोलह सौ से अधिक भाषाएं हैं जिनमें भारतीय आर्य उपभाषा और द्रविड़ भाषा परिवारों की प्रमुखता है. ऐसे में द्विभाषिकता यहाँ की एक स्वाभाविक भाषाई व्यवहार रूप है और बहुभाषिकता भी काफी हद तक पाई जाती है. आर्य भाषा समूह में आने वाली हिंदी मध्य देश में प्रयुक्त भाषा समूह का नाम है. इसके बोलने वाले एक विशाल भू भाग ...