पिता की ‘छतरी’ के साथ चलने का सुख

पिता की ‘छतरी’ के साथ चलने का सुख

बाबू की पुण्यतिथि (27 फरवरी, 2015) पर स्मरण  चारु तिवारी पिता के सफर में जरूरी हिस्सा थी छतरी दुःख-सुख की साथी सावन की बूंदाबादी में जीवन की अंतिम यात्रा में मरघट तक so विदा करते पिता को एक तरफ कोने में बैठी सुबकती रही मेरे साथ रस्म-पगड़ी के बाद मेरे साथ but आई सड़क तक […]

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