मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—21 प्रकाश उप्रेती आज बात उस पहाड़ की जो आपको अकेले होने के एहसास से बाहर रखता है. वो पहाड़ जो आपको हर कदम पर सामूहिकता का बोध कराता है. हमारे लिए ‘गौं में ब्याह’ (गाँव में शादी) किसी उत्सव से कम नहीं होता था. खासकर लड़की की शादी […]
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—20 प्रकाश उप्रेती पहाड़ की हर चीज आपको कुछ न कुछ देती है. पहाड़ के लोगों का हर पेड़, ढुङ्ग (पत्थर), भ्योव (पहाड़), गढ्यर, और झाड़ियों से एक रिश्ता होता है. आज बात करते हैं- ‘सोह डाव’ (चीड़ के पेड़) और उसकी धरोहर- ‘ठिट'(चीड़ का फल) और ‘छिलुक’ (आग […]
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—19 प्रकाश उप्रेती आज बात उस पहाड़ की जो आपको भूखे नहीं रहने देता था. तस्वीर में आपको- तिमिल और कोराय के पेड़ नज़र आ रहे हैं. तिमिल की हमारे यहां बड़ी मान्यता थी. गाँव में तिमिल के तकरीबन 10-12 पेड़ थे. कहने को वो गाँव के अलग-अलग लोगों […]
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