- अरविंद मालगुड़ी
हमारा देश हर मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहा है तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच भी हम भारत को दुनिया का बेहतरीन देश बना सकते हैं. ऐसे में देश के युवाओं
की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है. ऐसे में युवा कार्य और खेल मंत्रालय की ज़िम्मेदारी हर युवा तक पहुंचने और भारत में खेल की संस्कृति को युवाओं के बीच आगे बढ़ाने की है. देश के सबसे कम उम्र में कैबिनेट मंत्री बन कर जहाँ अनुराग ठाकुर ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है और साथ ही एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी ले ली है क्योंकि हर युवा उनकी तरफ देख रहा है.नेता जी
युवा कार्य और खेल मंत्रालय के युवा मंत्री जो विनम्र और जोशीले स्वभाव के लिए जाने जाते हैं उनके कन्धों पर देश के युवाओं की उम्मीदों का भार है. और उनकी कार्यशैली और उनका जोश इस उम्मीद को और बढ़ा देता है. अनुराग इस कार्य में पहले ही दिन से लगे हुए हैं. ओलम्पिक में भारत की टीम को जिस तरह उन्होंने अपने विक्ट्री पंच कैम्पेन से पुरे भारत के लोगों के बीच जोड़ा और पक्ष और विपक्ष के कई सांसदों ने भी उनका जिस तरह साथ दिया वो तारीफ़ के काबिल है.
उसके बाद अनुराग ठाकुर ने मीराबाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा और पी वी सिंधू को अपने घर पर सम्मानित किया वो भी उनके सकारात्मक व्यवहार को दर्शाता है. अनुराग इस समय भारतीय ओलम्पिक टीम को पुरे जोश के साथ सपोर्ट कर रहे हैं और हर बात पर पूरी तरह नजर रखे हुए हैं.नेता जी
2011 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार तथा साल 2014 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने अनुराग को ग्लोबल यंग लीडर्स के तौर पर चुना था. सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहते पूरी मेहनत और लगन से दिन-रात एक करके काम किया है जिसका नतीजा उनको कैबिनेट के रूप में मिला है वो अपने प्रदर्शन की बदौलत
परिवारवाद की छाया मिटाकर आगे बढ़े हैं. अनुराग ठाकुर के पास खेल और राजनीति का मिश्रित और व्यापक अनुभव है. वो पंजाब और नॉर्थ जोन की क्रिकेट टीम का नेतृत्व भी किशोरावस्था में कर चुके हैं. इसके अलावा विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उन्होंने अंडर-16 स्तर पर पंजाब को लीड किया है.उनको जानने वाले लोग कहते हैं कि वो अपनी टीम में युवाओं को प्राथमिकता देते हैं.नेता जी
धर्मशाला में बना खूबसूरत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी इन्हीं की देन है. आपको बता दें कि अनुराग ठाकुर, टेरीटोरियल आर्मी में भी हैं और इस समय कैप्टन की रैंक पर भी हैं.
वह युवावर्ग में खासे लोकप्रिय हैं युवा मोर्चे का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कलकत्ता से श्रीनगर तक राष्ट्रीय एकता यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न करके श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था. उनके इसी सकारात्मक व्यक्तित्व के कारण सारे देश के युवाओं को उनसे ढेरों उमीदें हैं. और उनके अनुभव को देख कर लगता है कि अनुराग निराश नहीं करेंगे.