जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न

GBR Memorial Foundation of India
  • हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली

जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की बैठक एयर फोर्स एसोसिएशन आफिस, नई दिल्ली में आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि हमें जनरल बिपिन रावत के विचारों को आगे ले जाना है. जिस प्रकार से जनरल बिपिन रावत देश को आगे ले जाने की सोच रहे थे हम सबको मिलकर उनके प्रयासों को पूरा करना होगा. उन्होंने अपने जीवन में जिन आदर्शों के साथ देश सेवा की वह बहुत ही सराहनीय है. इसीलिए अब जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया का गठन किया गया है जो उनके विचारों और कामों को आगे ले जाने का काम करेगा.

जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के बनाने का मुख्य कारण स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों और सिविल सेवाओं में अधिकारी बनाने के लिए वंचित प्रतिभाशाली युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण देने के लिए एक मंच तैयार करना है. इसके अलावा सैन्य/सशस्त्र बलों के लिए वंचित मेधावी उम्मीदवारों की पहचान करना और उन्हें एनडीए, एनए, सीडीएस, यूपीएससी आदि जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए तैयार करना है. इसमें प्रतिभावान उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी. जबकि वे इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होंगे तब उनके लिए आवास और भोजन की भी व्यवस्था की जायेगी.

इस मीटिंग में बताया गया कि फाउंडेशन की प्राथमिकता उन वंचित प्रतिभाशाली युवा छात्रों को एक मंच प्रदान करना है जो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के साथ-साथ मार्गदर्शन की कमी के कारण महंगी कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते उन्हें जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया एक मंच प्रदान करेगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगा. इसके अलावा सैन्य स्कूलों और अधिकारी अकादमियों की तर्ज पर छात्रों को शैक्षणिक और व्यक्तित्व विकास के मामले में तैयार करना है. बच्चों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना ताकि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके. इसके अलावा, यह युवाओं को उनके कौशल अंतर को कम करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा जिससे उन्हें बेहतर नौकरियां पाने या अपना खुद का उद्यम शुरू करने में मदद मिलेगी.

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उत्तराखंड में उद्यमिता के स्तर को बढ़ाकर, हम राज्य के दूरदराज के इलाकों से बड़े पैमाने पर पलायन की समस्या का समाधान करने में भी सक्षम होंगे, जो दिवंगत जनरल बिपिन रावत के लिए चिंता का एक बड़ा कारण था. हमको ग्रामीण उत्तराखंड में सामाजिक और आर्थिक सुधार लाना है, जैसा कि जनरल बिपिन रावत ने अपने गृह राज्य के लिए कल्पना की थी. युवाओं के बीच उनके नैतिक ढांचे को मजबूत करने के लिए जनरल बिपिन रावत के नाम, नमक, निशान, वफ़ादारी और इज़्ज़त के संदेश का प्रचार करना. हर साल देश के विभिन्न हिस्सों में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल व्याख्यान आयोजित करना हैं. इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने मेक इन इंडिया के तहत जो भी कार्य शुरू किये थे उसको देश में और तेजी से बढ़ाया जायेगा. चाहे वह तमिलनाडु कोरिडोर हो या यूपी कोरिडोर की बात हो. इसके अलावा देश के अन्य शहर चाहे वह बेंगलुरू हो या पुणे वह रक्षा क्षेत्र से जुड़े, वहां पर भी जनरल रावत के आत्मनिर्भरता के विजन पर कार्य करने पर मंत्रणा हुई.

इस बैठक में पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया को जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष, स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत को उपाध्यक्ष, आज तक के राष्ट्रीय सुरक्षा के वरिष्ठ संपादक मनजीत नेगी को सचिव और शक्ति इंडस्ट्रीस के चन्द्र प्रकाश पंवार को कोषाध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा कई गणमान्य लोगों को बोर्ड का मेंबर बनाया गया है जिनके नाम इस प्रकार से हैं आध्यात्मिक उपदेशक एवं समाजसेवी माताश्री मंगला जी, रॉ एवं एनटीआरओ के पूर्व अध्यक्ष आलोक जोशी, भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक अनिल भट्ट, जीबी पंत के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान, नौसेना के पूर्व सीओएम वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, आईटीबीपी के पूर्व एडीजी मनोज रावत, कर्नल सत्यपाल परमार, उद्यमी अनिमेष सिन्हा और अजीत दुबे शामिल हैं.

इस बैठक में जीबीआर मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पूर्व एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, ले जनरल अनिल भट्ट, डीजी इंडियन स्पेश एसोसिएशन, पूर्व सीओएम वाइए एडमिरल संदीप नैथानी, आईटीबीपी के पूर्व एडीजी मनोज रावत, सीए पंकज मिश्रा, मनजीत नेगी, अजीत दुबे, अनिमेश सिन्हा, रणधीर कोटवाल आदि शामिल हुए. इसके अलावा जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत ने वर्चुअल माध्यम से इस मीटिंग में भाग लिया.

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