पृथ्वी का सुरक्षा कवच ओजोन परत

Ozone Day special

ओजोन दिवस पर विशेष

डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल
विज्ञान शिक्षक रा.इ.का. भंकोली उत्तरकाशी
(राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान शिक्षक सम्मान 2022)

ओजोन एक प्रकार की गहरी नीली गैस है जो आक्सीजन के तीन परमाणुओं के संयुक्त होने से बनती है। यह आक्सीजन तत्व का ही एक रूप है। ओजोन ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘सूंघना’। वर्ष 1840 में शोनबीन ने इसका सबसे पहले नामकरण किया‌‌, क्योंकि इसमें एक विशेष प्रकार की गंध थी। ओजोन परत पृथ्वी के समताप मंडल ( स्ट्रैटोस्फियर ) के निचले भाग में पृथ्वी की सतह के ऊपर लगभग 10 किमी से 50 किमी की दूरी तक पाई जाती है। यह सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकती है।  इसकी मोटाई मौसम और भौगोलिक दृष्टि से बदलती रहती है। समताप मंडल में ओजोन परत खतरनाक नहीं है लेकिन पृथ्वी पर पाए जाने वाली ओजोन खतरनाक है।

बहुत ही सरल शब्दों में बात की जाये तो पृथ्वी के वायुमंडल में ओजोन गैस मुख्यत: दो स्थानों पर पायी जाती है – एक समताप मंडल की निचली परत में और दूसरी क्षोभ मंडल में। 

उल्लेखनीय है की समतापमंडल की ओजोन अच्छी ओजोन कहलाती है, क्योंकि यह सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर, पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है। इसीलिए समताप मंडल में ओजोन हमारे लिए एक वरदान के रूप में कार्य करती है। इसे ‘पृथ्वी का रक्षा कवच’ या ‘पृथ्वी का छाता’ कहते हैं। वही क्षोभमंडल की ओजोन बुरी ओजोन कहलाती है क्योंकि यह वायु प्रदूषित करती है एवं स्मॉग के निर्माण में मदद करती है जो श्वसन के लिये अच्छी नहीं होती।

वायुमंडलीय ओजोन का मापन डॉबसन स्पेक्ट्रोमीटर द्वारा किया जाता है एवं इसे डॉबसन यूनिट में व्यक्त किया जाता है। एक डॉबसन यूनिट, शुद्ध ओजोन की 0.01 मिलीमीटर की मोटाई के बराबर होती है। यह घनत्व ओजोन को धरातलीय स्तर के दबाव पर लाने से प्राप्त होता है।

ओजोन परत का क्षरण क्या है?

ओजोन परत क्षरण का अर्थ है ऊपरी वायुमंडल में मौजूद ओजोन परत का पतला होना। जो प्रकृति और वातावरण के लिए हानिकारक है। ओजोन परत की कमी वायुमंडल के साथ-साथ इस पृथ्वी के वनस्पतियों और जीवों सहित सभी जीवित प्राणियों के लिए प्रमुख समस्याओं में से एक है।

ओजोन-क्षरण के प्रभाव

मनुष्य तथा जीव-जंतु – यह त्वचा-कैंसर की दर बढ़ाकर त्वचा को रूखा, झुर्रियों भरा और असमय बूढ़ा भी कर सकता है। यह मनुष्य तथा जंतुओं में नेत्र-विकार विशेष कर मोतियाबिंद को बढ़ा सकती है। यह मनुष्य तथा जंतुओं की रोगों की लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है।

वनस्पतियां-पराबैंगनी विकिरण वृद्धि पत्तियों का आकार छोटा कर सकती है अंकुरण का समय बढ़ा सकती हैं। यह मक्का, चावल, सोयाबीन, मटर गेहूं, जैसी पसलों से प्राप्त अनाज की मात्रा कम कर सकती है।

खाद्य-शृंखला- पराबैंगनी किरणों के समुद्र सतह के भीतर तक प्रवेश कर जाने से सूक्ष्म जलीय पौधे (फाइटोप्लैकटॉन्स) की वृद्धि धीमी हो सकती है। ये छोटे तैरने वाले उत्पादक समुद्र तथा गीली भूमि की खाद्य-शृंखलाओं की प्रथम कड़ी हैं, साथ ही ये वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को दूर करने में भी योगदान देते हैं। इससे स्थलीय खाद्य-शृंखला भी प्रभावित होगी।

द्रव्य – बढ़ा हुआ पराबैंगनी विकिरण पेंट, कपड़ों को हानि पहुंचाएगा, उनके रंग उड़ जाएंगे। प्लास्टिक का फर्नीचर, पाइप तेजी से खराब होंगे।

ओजोन परत के क्षरण का समाधान 

ओजोन परत के क्षरण का किसी क्षेत्र या देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वास्तव में, संपूर्ण ग्रह इसके परिणामों के प्रति संवेदनशील है। यूवी विकिरण के बढ़ते स्तर के परिणामस्वरूप त्वचा कैंसर और आंखों की समस्याओं की दर बढ़ जाती है। आइए ओजोन परत क्षरण के कुछ समाधानों पर एक नजर डालें।

वाहनों का प्रयोग कम से कम करें

सड़क पर वाहनों की संख्या सीमित करना ओजोन क्षरण को कम करने का सबसे सरल तरीका है। ये कारें बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती हैं, जो अंततः धुंध में बदल जाती हैं और ओजोन परत के क्षरण में योगदान करती हैं।

पर्यावरण-अनुकूल सफाई उत्पादों का उपयोग करें

अधिकांश घरेलू सफाई उत्पादों में कठोर रसायन होते हैं जो वायुमंडल में पहुँच जाते हैं, जो ओजोन परत के क्षरण में योगदान करते हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए, प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल सफाई उत्पादों का उपयोग करें।

नाइट्रस ऑक्साइड का उपयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, जिसे 1989 में स्थापित किया गया था, क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) के उपयोग को सीमित करने के लिए आवश्यक था। हालाँकि, दिशानिर्देश में नाइट्रस ऑक्साइड, एक ज्ञात खतरनाक गैस, जो ओजोन परत को ख़राब कर सकती है, का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। आजकल नाइट्रस ऑक्साइड का प्रयोग किया जा रहा है। ओजोन हानि की दर को धीमा करने के लिए, सरकारों को अब कार्रवाई करनी चाहिए और नाइट्रस ऑक्साइड को अवैध बनाना चाहिए।

कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करना चाहिए

कीटनाशक आपके खेत में कीटों और खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी एजेंट हैं, लेकिन वे ओजोन परत के क्षरण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। कीटों और खरपतवारों से छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक समाधान सबसे प्रभावी तरीका है। बस अपने खेत में हाथ से निराई-गुड़ाई करें और कीटों को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक पर्यावरण-अनुकूल कीटनाशकों का उपयोग करें।

ओजोन-क्षयकारी उत्पादों से बचना चाहिए

जब आप खरीदारी करने जाएं तो क्लोरोफ्लोरोकार्बन युक्त एयरोसोल सामान खरीदने से बचें। अपने अग्निशामक यंत्रों की जाँच करें कि क्या मुख्य तत्व “हैलोन” या “हैलोजेनेटेड हाइड्रोकार्बन” है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन पर चलने वाले अप्रचलित एयर कंडीशनर और फ्रीजर को हटा दें। इसके परिणामस्वरूप जहरीले पदार्थ वायुमंडल में छोड़े जा सकते हैं।

ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत

ओजोन रिक्तीकरण से निपटने में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग और विस्तार एक महत्वपूर्ण कदम है। परमाणु ऊर्जा के अलावा, कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन बिजली का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। दूसरी ओर, कोयले के दहन से सीएफसी निकलता है, जो ओजोन परत को नष्ट कर देता है।

पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण

हमें यथासंभव अपनी कई वस्तुओं का पुन: उपयोग करने का भी प्रयास करना चाहिए। यदि हम अब उनका उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका उचित तरीके से पुनर्चक्रण किया जा सके। हम इस तरह से प्राकृतिक संसाधनों की मांग को कम कर सकते हैं। परिणामस्वरूप, हम पारिस्थितिकी तंत्र पर संसाधनों के दोहन के नकारात्मक प्रभावों से भी बच सकते हैं।

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