केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य नामित हुए डॉ. वेद मित्र

Dr Ved Mitra DU

साहित्यिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए कई
संस्थाओं से वेद मित्र हुए हैं सम्मानित

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेद मित्र शुक्ल को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, दिल्ली क्षेत्र की सलाहकार समिति का सदस्य नामित किया गया है. विदित हो कला, साहित्य, संगीत, शिक्षा, फिल्म, विज्ञान, कानून आदि क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों व महत्वपूर्ण योगदान देने वाली शख्सियतों को सरकार द्वारा इस पद पर नामित किए जाने की परंपरा रही है. भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संचालित केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड देश भर में स्थापित अपने नौ क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन का नियंत्रण करता है. 

डॉ. वेद मित्र को उनमें से एक दिल्ली क्षेत्र के फिल्म प्रमाणन बोर्ड का सदस्य नामित किया गया है. दिल्ली क्षेत्र में किसी भी भाषा में बनने वाली फिल्म के अवलोकन और उस पर डॉ. वेद मित्र की सहमति महत्वपूर्ण होगी. यहाँ बता दें कि डॉ. वेद को इसी वर्ष उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा प्रदेश के सबसे बड़े युवा पुरस्कार श्री गोपालदास नीरज प्रथम स्मृति सम्मान से उनकी छंदबद्ध कविताओं की पुस्तक ‘एक समंदर गहरा भीतर’ के लिए सम्मानित किया जा चुका है. भारतीय साहित्य, संगीत, संस्कृति व हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए फ़िजी, अमेरिका आदि देशों की यात्रा कर चुके वेद मित्र हिन्दी अकादमी दिल्ली, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र, साहित्यिक संघ वाराणसी, पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समिति धानक्या, बाल साहित्य संस्थान अल्मोड़ा, नारायणी साहित्य अकादमी दिल्ली आदि संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं.

बोर्ड के सदस्य नामित किए जाने पर डॉ. वेद मित्र ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में और विशेष रूप से दिल्ली क्षेत्र के नोयडा जैसे शहरों में जिस प्रकार से फिल्म निर्माण उद्योग में रोजगार, नए कलाकारों के प्रोत्साहन आदि से जुड़े विशेष प्रयास किए जा रहे हैं वह स्वागत-योग्य है. सरकारी स्तर पर ऐसे कार्यों से क्षेत्रीय कला-कर्मियों व लोक-संस्कृति को अधिक बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि बेहतर मनोरंजन के साथ सार्थक संदेश से युक्त फिल्मों के लिए सतत कार्यरत रहने वाले बोर्ड का सदस्य नामित होना उनके और उनसे जुड़े परिवेश के लिए गौरव की बात है.

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