
- सुनील थपलियाल
बड़कोट (उत्तरकाशी): यमुनोत्री नेशनल हाईवे के स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी का प्रवाह रुकने से बनी कृत्रिम झील के कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल था। इस प्राकृतिक आपदा को लेकर स्थानीय लोगों की आस्था और धार्मिक विश्वास भी सक्रिय हो उठे हैं।
शुक्रवार को, संकट से भयभीत ग्रामीण भगवान श्रीशेषनाग मंदिर के दरवार पहुँचे और आपदा के निवारण के लिए प्रार्थना की। शेषनाग देवता की डोली ने अपने माध्यम से संकेत दिया कि यमुना मैया नाराज हैं। देवता ने बताया कि स्यानाचट्टी के पास गढ़ गाड़ में बना 30 वर्ष पुराना मंदिर, जिसमें आज तक प्राण प्रतिष्ठा और नियमित पूजा नहीं की गई, यही यमुना मैया के क्रोध का कारण है। साथ ही, यमुना नदी के जल को दूषित करने की घटनाओं ने भी माँ को अप्रसन्न किया है।
शेषनाग देवता ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शुक्रवार की संध्या तक झील का संकट समाप्त हो जाएगा। कुपडा निवासी संजय राणा ने बताया कि डोली द्वारा कहा गया कि “मेरे चावल व एक सिरिपल डाल देना”, जिससे संकेत मिलता है कि धार्मिक आस्था और भक्ति के माध्यम से समाधान संभव है। ग्रामीणों ने इस विश्वास के साथ राहत की सांस ली है और उन्हें पूरा भरोसा है कि ईश्वरीय कृपा से आपदा टल जाएगी।
इस झील बनने के पीछे भूवैज्ञानिक कारण तो हैं ही, लेकिन अब यह स्थिति धार्मिक और सांस्कृतिक चिंता का विषय भी बन चुकी है।