Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
बिजनेस उत्तरायणी द्वारा आयोजित उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं का तीसरा संस्करण संपन्न

बिजनेस उत्तरायणी द्वारा आयोजित उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं का तीसरा संस्करण संपन्न

दिल्ली-एनसीआर
सी एम पपनैं नई दिल्ली. उत्तराखंड के उद्यम विकास से जुड़ी प्रतिष्ठित प्रमुख संस्था 'बिजनेस उत्तरायणी' द्वारा उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं के तीसरे संस्करण का प्रभावशाली आयोजन 7 जून की सायं कंस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में मुख्य अतिथि उपाध्यक्ष संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद उत्तराखंड सरकार मधु भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित की गई. आयोजित आयोजन में उत्तराखंड सरकार प्रवासी परिषद उपाध्यक्ष पूरन चंद्र नैलवाल, डिप्टी स्पीकर दिल्ली विधान सभा मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार सीमा त्रिखा, मुख्यमंत्री उत्तराखंड मीडिया कॉर्डिनेटर मदन मोहन सती तथा कांग्रेस नेता हरिपाल रावत विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंचसीन रहे. आयोजित आयोजन का विधिवत श्रीगणेश मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ सुप्रसिद्ध लोकगायिका कल्पना चौहान के कर कमलों दीप प्रज्वलित कर किया गया. आयोजक संस्था बिजनेस उत्तरायणी से जुड...
हिन्दू गौरव के साथ यह देववाणी संस्कृत के उत्थान का भी समय : आलोक कुमार

हिन्दू गौरव के साथ यह देववाणी संस्कृत के उत्थान का भी समय : आलोक कुमार

दिल्ली-एनसीआर
नई दिल्ली. पूज्य श्रीगुरूजी ने विश्वभर में फैले हिंदुओं के हित संरक्षण के लिए स्वामी चिन्मयानंद जी के सान्निध्य में 1964 में विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना की थी. 'न हिन्दू पतितो भवेत्' के संकल्प के साथ देश में हिंदुओं को स्वधर्म में लाने,वेद,गंगा,गौ और संस्कृत के संरक्षण संवर्धन के साथ सेवा कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया. सनातन धर्म की रक्षा करने के साथ अपनी गौरवमय यात्रा के छह दशक उपरांत विहिप सात समंदर पार बसे भारतवंशियों में हिंदुत्व और सांस्कृतिक चेतना जागरण का कार्य कर रही है. ये विचार विहिप संस्कृत आयाम द्वारा नई दिल्ली के वसंत विहार स्थित ललित महाजन सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन अपने बौद्धिक उद्बोधन में विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री श्री मिलिंद देशपांडे ने व्यक्त किए. इससे पूर्व विगत दिवस ...
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को मिला NAAC का सर्वोच्च A++ ग्रेड

श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को मिला NAAC का सर्वोच्च A++ ग्रेड

दिल्ली-एनसीआर
विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में एक नया स्वर्णिम अध्याय नई दिल्ली. संस्कृत तथा भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पित श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली को राष्ट्रीय मूल्याङ्कन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) द्वारा A++ ग्रेड प्रदान किया गया है. बताते चलें कि नैक द्वारा प्रदत्त यह A++ उत्कृष्ट ग्रेड है. विश्वविद्यालय को मूल्यांकन में उत्कृष्ट 3.55 अंक प्राप्त हुए हैं, जो इसे भारत के चुनिंदा प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों की पंक्ति में स्थापित करता है. विश्वविद्यालय को 2020 में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त होने के बाद नैक द्वारा प्रथम मूल्यांकन किया गया है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक और अनुसन्धानगत गुणवत्ता की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि यह संस्था भारतीय परम्परा और आधुनि...
गमला संस्कृति के बीच उपजते पर्यावरण के सवाल

गमला संस्कृति के बीच उपजते पर्यावरण के सवाल

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष प्रकाश उप्रेती असिस्टेंट प्रोफेसर, पीजीडीएवी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय भारत को अपनी समस्याओं से पार पाने और उनके उत्तर तलाशने के लिए बार-बार गांधी की तरफ लौटना ही होगा। आने वाले कई वर्षों तक गांधी न तो राजनीति में अप्रासंगिक हो सकते हैं न ही समाजविज्ञान में। आगत समय के संकटों को लेकर उनकी चिंता और चिंतन किसी कुशल समाजशास्त्रीय से भी महत्वपूर्ण नज़र आते हैं। ‘पर्यावरण’ शब्द का प्रयोग भले ही गांधी के चिंतन में न हो लेकिन उन्होंने इन सब समस्याओं पर चिंता और चिंतन किया है जिन्हें आज पर्यावरण के तहत देखा जाता है। गाँधी की दृष्टि एकदम साफ थी वह पर्यावरण -दोहन के खिलाफ थे।  साथ ही उनका विरोध आधुनिक ‘गमला संस्कृति’ से भी था । गांधी के लिए ‘पर्यावरण’ जीवन से अलग नहीं था । वह इसे ‘नैतिक चेतना’ से जोड़ने पर बल देते थे, संयम, स्वावलंबन, संरक्षण और स्वच्छता उसी चेतना क...
पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का एक बड़ा स्रोत है रिंगाल!

पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का एक बड़ा स्रोत है रिंगाल!

चमोली
उर्गमघाटी : उत्तराखंड  के पर्वतीय क्षेत्रों में रिंगाल ( हिमालयी बांस- अरूंडीनेशिया फल्काटा)   आजीविका का एक बहुत बड़ा स्रोत है. रिंगाल लगभग 10वीं शताब्दी से पहाड़ के समाज को कृषि के योग्य बर्तन जैसे- सुप्पा, कंडा, चंगेरा, सोल्टा, तेथला और अनाज और बीज रखने के लिए क्वोन्ना आदि बनाने में प्रयोग किया जाता रहा है. वर्तमान में जनपद चमोली में कई स्थानों पर रिंगाल हश्तशिल्प  का निर्माण और उन पर आधारित स्वरोजगार संचालित होते हैं. उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद् और आगाज संस्था द्वारा वर्ष 2005 से जनपद चमोली में रिंगाल हश्तशिल्प  के कई शिक्षण प्रशिक्षण के कार्य किये गए. कालांतर में अलकनंदा स्वायत्त सहकारिता पीपलकोटी, हिमालय स्वायत्त सहकारिता पीपलकोटी ने रिंगाल हस्तशिल्प के अतिरिक्त प्राकृतिक रेशा- भांग और कंडाली के उत्पादों, के साथ-साथ, पूजा पाठ के मुखोटों के निर्माण के कार्यों को आगे बढाया. ...
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जरमोला राजकीय उद्यान किया स्थलीय निरीक्षण

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जरमोला राजकीय उद्यान किया स्थलीय निरीक्षण

उत्तरकाशी
मोरी. प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने तीन दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत रविवार को जरमोला राजकीय उद्यान का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने उद्यान की भौगोलिक स्थिति, कृषि उत्पादन, बागवानी गतिविधियों और संसाधनों का बारीकी से अवलोकन किया. निरीक्षण के दौरान मंत्री जोशी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उद्यान को मॉडल कृषि केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, ताकि आसपास के किसान नवीनतम कृषि तकनीकों से लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि सरकार पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि को आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और जरमोला उद्यान को एक आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से जोड़ें और उद्यान के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करें. इस अवसर पर स्थानीय विधायक दु...
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मोरी के गैचवाण गांव में काश्तकारों से की मुलाकात, सेब बागान का किया निरीक्षण

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मोरी के गैचवाण गांव में काश्तकारों से की मुलाकात, सेब बागान का किया निरीक्षण

उत्तरकाशी
हिमांतर ब्यूरो प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने तीन दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को सुदूरवर्ती मोरी ब्लॉक स्थित गैंचवांण गांव का दौरा किया. इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय काश्तकारों से सीधा संवाद स्थापित किया और क्षेत्र में सेब के बागानों का स्थलीय निरीक्षण भी किया और किसानों द्वारा अपनाई जा रही उन्नत बागवानी तकनीकों की सराहना की. मंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान क्षेत्र की कृषि और बागवानी संबंधी समस्याओं को गंभीरता से सुना और समाधान हेतु तत्परता जताई. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, और सरकार किसानों को हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जैसे सीमांत क्षेत्र में किसानों द्वारा किया जा रहा सेब उत्पादन राज्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है. उन्होंने कहा कि...
स्टोन फ्रूट मिशन बदलेगा उत्तराखंड की बागवानी का भविष्य

स्टोन फ्रूट मिशन बदलेगा उत्तराखंड की बागवानी का भविष्य

देहरादून
  'धाद' संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने रखे विचार जेपी मैठाणी, देहरादून उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में स्टोन फ्रूट की बागवानी को बेहतर करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान के तहत 'धाद' संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने पारंपरिक बीज और आधुनिक तकनीक के बारे में बताया. इस दौरान सभी ने कहा कि उत्तराखंड में स्टोन फ्रूट्स (गुठलीदार फल: आडू, प्लम, खुमानी) की संभावना काफी है. इसलिए इसपर जोर दिया जाना चाहिए ताकि आर्थिक रूप से भी किसान मजबूत हो सके. कहा कि यदि हम स्टोन फ्रूट्स पर कार्य करेंगे तो सेब और कीवी से ज्यादा लाभ इनसे कमा सकते हैं. वक्ताओं ने हिमाचल की भांति उत्तराखंड को भी स्टोन फ्रूट की ओर रुख करने पर जोर दिया. शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में 'आडू, प्लम, खुमानी का महीना' के त...
पुरोला : टैक्सी स्टैंड पर निर्मित सैल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केन्द्र

पुरोला : टैक्सी स्टैंड पर निर्मित सैल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केन्द्र

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी यूं तो रवांई घाटी की रमणीयता सबका मन मोह लेती हैं, पग-पग पर प्रकृति ने यहां अपनी अनुपमा छटा बिखेरी है. जो यहां आता है वह यहां रम जाता है. यही इसके नामांकरण को सार्थक करता है. बावजूद इसके आजकल नगरपालिका परिषद पुरोला के तहसील मुख्यालय प्रवेश द्वार के निकट टैक्सी स्टैंड के छोर पर बना सैल्फी प्वाइंट राहगीरों यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ है. शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जो पुरोला आगमन पर यहां अपनी सैल्फी या फोटो न खींचता हो. पुरोला आगमन पर अपनी यादों को संजोए रखने के लिए सैल्फी प्वाइंट  पर अपने मोबाइल फोन पर सैल्फी खींचने का अवसर शायद ही कोई खोना चाहता हो. शहर के सौंदर्यीकरण के लिए नगर पालिका परिषद पुरोला द्वारा शहर के प्रवेश द्वार पर सेल्फी प्वाइंट का निर्माण किया गया है जो आजकल दर्शकों एवं पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र बिंदु बना हुआ है. पालिका ...
“बैलेड्स ऑफ इंडियाना” का लोकार्पण: सांस्कृतिक चेतना की समृद्ध यात्रा

“बैलेड्स ऑफ इंडियाना” का लोकार्पण: सांस्कृतिक चेतना की समृद्ध यात्रा

उत्तराखंड हलचल
  हिमान्तर प्रकाशन के तत्वावधान में 24 मई 2025 को देहरादून के दून पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में लेखिका मंजू काला की दो खंडों में प्रकाशित पुस्तक ‘बैलेड्स ऑफ इंडियाना: अल्मंडा टू चेट्टीनाड’ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर साहित्य, संस्कृति और प्रशासन से जुड़े कई विशिष्टजन उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को स्मरणीय बना दिया। विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे- पूर्व डीजीपी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी, मुख्य सचिव एवं आयुक्त राधा रतूड़ी, वरिष्ठ साहित्यकार महावीर रवांल्टा, तथा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार की पूर्व कुलपति डॉ. सुधारानी पाण्डेय, जिन्होंने इस सशक्त रचना की औपचारिक घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश उप्रेती ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया। एक लेखक की सांस्कृतिक तीर्थयात्रा लेखिका म...