- हिमांतर ब्यूरो, देहरादून
कोरोना संक्रमण काल में उत्तराखंड पुलिस ने सेवा की एक नई मिसाल कायम की है. पहाड़ के दुर्गम इलाके हों या सुदूर गांव सब जगह पुलिसकर्मी मदद पहुंचाने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं.
उत्तराखंड पुलिस ने डीजीपी अशोक कुमार के नेतृत्व में पहली मई से ‘मिशन हौसला’ की शुरुआत की थी. कोरोना काल में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका इसलिए भी अहम रही क्योंकि पहले लॉकडाउन, फिर महाकुंभ और उसके बाद कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों को मदद पहुंचाने के लिए जबरदस्त काम किया गया. डीजीपी अशोक कुमार लगातार अपने बल की हौसलाअफजाई करते रहे, साथ ही यह भी ताकीद करते रहे कि हमें किसी भी हाल में इंसानियत नहीं छोड़नी है. जितनी मदद हम लोगों की कर सकते हैं, उतनी हम करते रहें.अंक शास्त्र
मिशन हौसला के तहत उत्तराखंड के हर जिले एवं बाटालियन में कोविड कंट्रोल रूम स्थापित कर उनके नंबर जारी किए गए. मिशन मोड में काम करते हुए पुलिस के जवानों ने
कोरोना काल में प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का काम किया. मदद करने और चाहने वालों के बीच समन्वय स्थापित कर सभी थानों को नोडल केंद्र बनाया गया और जरूरतमंद लोगों को दवाइयां, ऑक्सीजन, प्लाज्मा, ब्लड डोनेशन, राशन सहित हर जरूरी सेवा उपलब्ध कराई गई. अब जिस प्रकार काविड के केसों में कमी आई है, उसी अनुपात में सहायता के लिए आने वाली कॉल्स में भी कमी आ रही है.अंक शास्त्र
मिशन हौसला के तहत एक महीने में पुलिस सहायता के लिए कुल 31815 फोन कॉल प्राप्त हुई, जिन पर कार्रवाई करते हुए कुल 2726 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 लोगों को
अस्पताल प्रबंधन से समन्वय कर अस्पताल में बेड, 217 लोगों को प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, 17609 लोगों को दवाइयां, 600 लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दिलाने में मदद की गई. साथ ही 94,484 लोगों को राशन, दूध एवं कुक्ड फूड, 792 कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार और 5252 सीनियर सिटिजन से संपर्क कर उनकी सहायता की गई. बहुत से सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर मिशन हौसला को सहयोग किया गया.अंक शास्त्र
पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था और उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मिशन हौसला को सफल बनाने में उत्तराखंड पुलिस के
सभी अधिकरियों एवं जवानों ने दिन-रात एक कर मानव सेवा के लिए कार्य किया है. मरीजों तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना हो, उनको अस्पताल ले जाकर बेड दिलाना. जरूरतमंदों की भूख मिटाना हो या उन्हें अस्पताल या घर पहुंचाना. हमारे जवान हर मोर्चे पर तन्मयता से जुटे रहे. मिशन हौसला के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में पुलिस कर्मियों ने जरूरतमंदों की मदद और सेवा की है निश्चित रूप से कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में वह ‘खाकी में इंसान’ के मानवता भरे नेक और निस्वार्थ स्वरूप को दर्शाता है. इस दौरान हमारे 2382 पुलिसकर्मी एवं उनके 751 परिजन भी कोरोना से संक्रमित हुए, जिसमें से 05 जवानों एवं 64 परिजनों की मृत्यु हुई. इसके बावजूद भी हमारे जवाने अपनी ड्यूटी पर अडिग रहे.