“मैं तुम्हें इतना प्यार करती हूं और तुम लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया”
स्व. कला बिष्ट की एथेंस (यूनान) यात्रा का रोचक वृत्तांत, अंतिम भाग
स्व. कला बिष्ट
11 अक्टूबर,1992
आज क्रूज का दिन है. because क्रूज अर्थात समुद्र यात्रा. हमारे दल में श्रीमती कमला चन्द नासिक से आई हैं. कुछ वर्ष पूर्व में समाजसेवा भ्रमण में सीढ़ियां से गिर पड़ी थी. रीढ़ की हड्डी में चोट आई, जिसके कारण वह पैरों से लंगड़ाती चलती हैं. पैंरों में केवल मोजे पहनती हैं. श्रीमती डॉ. आशा वालेलकर के भरोसे आई हैं. आशा बहुत अच्छी हैं. पूरी-पूरी मदद कमला जी की कर रही हैं.8 बजे जहाज भूमध्य सागर की यात्रा पर रवाना होता है. but तीन द्वीपों की यात्रा हमने करनी है. समुद्री यात्रा बहुत रोमांचक लगी. जहाज श्वेत-रजत मार्ग बनाता जा रहा है. समुद्र में मन्द-मन्द लहरें चल रही हैं पानी नीला, फिर काई फिर गहरा स्लेटी सा लगता है. जहाज के अन्दर बहुत आरामदायक सोफे लगे हैं. भोजन-नाश्ते की बहुत सुन्दर व्यवस्था है. जह...