Tag: Migration

सौ साल के इस टूटते हुए ‘दुर्गाभवन’ की स्मृतियां

सौ साल के इस टूटते हुए ‘दुर्गाभवन’ की स्मृतियां

संस्मरण
हर परिवर्तन के साक्षी बने हुए हैं हिमाच्छादित हिमालय शिव स्वरूप नीलम पांडेय ‘नील’ काफी समय बाद बस से यात्रा की. because यात्रा देहरादून से रानीखेत की थी. मैदान से पहाड़ों की बसों में बजाए जाने  वाले गीत कुछ इस प्रकार होते हैं, एक उदाहरण के तौर पर जैसे देहरादून से हरिद्वार तक देशी छैल छबीले गीत, हरिद्वार से नजीबाबाद तक निरपट धार्मिक गीत, नजीबाबाद से हल्द्वानी तक 80 के दशक के रोमांटिक गीत और हल्द्वानी से रानीखेत तक सिर्फ पहाड़ी गीत. पूरी रात, मैं इन गीतों से लगभग ऊब चुकी थी because और अब पूरी रात की यात्रा के बाद बस पहुंचने वाली ही थी. पूरी रात बहुत पहले यहां रात्रि को because चौकीदार घुमा करता था. ‘जागते रहो-जागते रहो’ की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन शायद अब ऐसा कुछ नहीं है.  मुझे लगा साढ़े पांच बजे के बाद शायद कुछ लोग सुबह की सैर पर निकलते तो होंगे, लेकिन  कोई प्राणी सड़क पर दिख...