Tag: Kedarnath Yatra

केदारनाथ : जहां होते हैं साक्षात शिव के दर्शन!

केदारनाथ : जहां होते हैं साक्षात शिव के दर्शन!

रुद्रप्रयाग
यदि आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं और उत्तराखंड की सैर कर रहे हैं तो आप यहां तीथार्टन के साथ-साथ एडवेंचर का मचा भी ले सकते हैं, यहां बहुत से ऐसे दर्शनीय स्थल हैं जहां पहुंच कर आपको अलौकिक अनुभूति होगी.  यहां बाबा केदार के दर्शनों के अलावा आप आस-पास के तीर्थस्थानों का भ्रमण कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा और खूबसूरत बना सकते हैं.  आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ तीर्थ स्थलों के बारे में… मध्यमहेश्वर महादेव मंदिर चौखंबा की गोद में समुद्रतल से 9700 फीट की ऊंचाई पर यह मंदिर अवस्थित है, जो ऊखीमठ से 30 किमी की दूरी पर अवस्थित है. यहां अन्य मंदिरों में बूढ़ा मध्यमहेश्वर क्षेत्रपाल मंदिर, हिंवाली देवी मंदिर हैं. यहां की पहाड़ियों में अनेक गुफाएं हैं. पंचकेदार के नाम से विख्यात शिव के पांच पावन धामों में से मध्यमहेश्वर दूसरा धाम है. यहां भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है. तुंगनाथ महादेव मंदिर पंचकेदारों...
यात्रा की तैयारियां जोरों पर, श्रीकेदारनाथ धाम में हैलीपैड के रास्तों से श्रमिकों द्वारा हटाई गई बर्फ

यात्रा की तैयारियां जोरों पर, श्रीकेदारनाथ धाम में हैलीपैड के रास्तों से श्रमिकों द्वारा हटाई गई बर्फ

रुद्रप्रयाग
वर्ष-2024 की श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों को जो भी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं की जानी हैं उन सभी व्यवस्थाओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में डीडीएमए द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य तत्परता से किया जा रहा है तथा केदारनाथ धाम हैलीपैड़ तक मार्ग से 3 फीट बर्फ हटाने का कार्य कर लिया गया है। अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य 04 मार्च से ही शुरू कर दिया गया था। जिसमें बर्फ हटाने के लिए लगभग 95 श्रमिक तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रामबाड़ा से छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, भैंंरो ग्लेशियर, कुबेर ग्लेशियर आदि स्थानों से 50 से 80 फीट तक की लंबाई एवं 10...
केदारनाथ मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत!

केदारनाथ मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत!

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पिछले 15 दिन में 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है. पशु चिकित्सकों के अनुसार घोड़ा-खच्चरों को आराम और गर्म पानी नहीं दिया जा रहा है जिससे उनके पेट में गैस बन रही है. बर्फ और पैदल मार्ग पर फिसलकर भी कुछ घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है. इस साल 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में चार हजार घोड़ा-खच्चर यात्रियों के लिए व एक हजार माल ढुलान के लिए पंजीकृत किए गए हैं. गौरीकुंड से संचालित घोड़े और खच्चरों के लिए बर्फ से भरा रास्ता जान पर भारी पड़ रहा है. यात्रा के पहले दिन से लेकर 15वें दिन तक 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है, जबकि बीते वर्ष यात्रा के पहले पखवाड़े में 48 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई थी. चिकित्सकों का कहना है कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की चढ़ाई और वापसी में 16 किलोमीटर का ढलान जानवरों के लिए भारी साबित हो रहा है. संचालक जानवरों को सूखा भूसा, गुड़ और चना खि...
हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की हेलिपैड पर भी होगी स्वास्थ्य जांच

हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की हेलिपैड पर भी होगी स्वास्थ्य जांच

रुद्रप्रयाग
हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की अब हेलिपैड पर भी स्क्रीनिंग यानी स्वास्थ्य जांच होगी. स्वास्थ्य विभाग और हंस फाउंडेशन की ओर से गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 11 जगह कियोस्क सेंटर खोले जाएंगे. इनमें से सात केदारघाटी से केदारनाथ के लिए संचालित होने वाली हेलिकॉप्टर सेवा के हेलिपैड पर स्थापित किए जाएंगे. इन सेंटरों पर प्रारंभिक जांच रक्तचाप, शुगर, ऑक्सीजन, धड़कन जांची जाएगी. यहां जांच के दौरान किसी यात्री को कोई भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आती है तो उसका प्राथमिक उपचार किया जाएगा. एक सप्ताह में इन कियोस्क का संचालन शुरू हो जाएगा. साथ ही सोनप्रयाग सहित अन्य दो पैदल  मार्गों पर भी दो-दो कियोस्क सेंटर लगाए जाएंगे. साथ ही प्रत्येक यात्री का डेटा बैंक बनाकर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा. ताकि इसके हिसाब से आगामी यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर की जा सकें. चारधाम यात्रा में यात्रिय...
स्वरोजगार की नई मिसाल, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर महिलाओं ने संभाला टेंट का कारोबार

स्वरोजगार की नई मिसाल, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर महिलाओं ने संभाला टेंट का कारोबार

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ यात्रा में इस बार घाटी की महिलाओं ने स्वरोजगार की नई मिसाल पेश की है. 20 महिलाओं ने पहली बार यात्रा पैदल मार्ग से लेकर धाम तक टेंट का कारोबार शुरू किया है. इससे तीर्थयात्रियों को कंपकंपाती ठंड में रात गुजारने के लिए आसरा मिल रहा है. इनमें अधिकांश महिलाएं तो बुजुर्गों, बच्चों को चाय, गर्म पानी और दूध तक मुफ्त मुहैया करा रही हैं. केदारनाथ विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है. जहां पल-पल मौसम बदलता रहता है. कब बारिश व बर्फबारी हो जाए कहना मुश्किल है. साथ ही सामान्य मौसम में भी यहां रहना आसान नहीं है. इन सबके बीच केदारघाटी के अलग-अलग गांवों की 20 से अधिक महिलाएं टेंटों का संचालन कर रही हैं. यह पहला मौका है जब महिलाओं द्वारा केदारनाथ यात्रा में टेंट संचालित किए जा रहे हैं. 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में अभी तक आए दिन खराब मौसम के चलते टेंटों में यात्री कम ही रुक रहे हैं. बारिश...