Tag: jagmohan bangani

कला में तीन महत्वपूर्ण तत्व: ‘क्यों’, ‘क्या’, और ‘कैसे’

कला में तीन महत्वपूर्ण तत्व: ‘क्यों’, ‘क्या’, और ‘कैसे’

कला-रंगमंच
जगमोहन बंगाणी (चित्रकार/ बैफ के संस्थापक) कला केवल एक माध्यम नहीं, बल्कि एक आत्मिक यात्रा है जो कलाकार की भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करने का सशक्त साधन बनती है. यह यात्रा तीन मूलभूत प्रश्नों से होकर गुजरती है: 'क्यों', 'क्या', और 'कैसे'. ये प्रश्न कलाकार को उसकी कला के उद्देश्य, प्रक्रिया और अभिव्यक्ति के गहरे अर्थों की खोज करने के लिए प्रेरित करते हैं. आइए, इन तीनों तत्वों का विस्तार से विश्लेषण करें. 'क्यों' - कला करने का उद्देश्य कला के पीछे छिपे उद्देश्य को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि हर कलाकार की प्रेरणा अलग होती है. 'क्यों' का प्रश्न कला की गहरी और व्यक्तिगत कारणों को उजागर करता है. यह केवल एक व्यावसायिक गतिविधि नहीं होती, बल्कि एक मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक प्रक्रिया भी होती है. कुछ कलाकार अपनी भावनाओं और आंतरिक संघर्षों को व्यक्त करने के लिए क...
पहाड़ के रंग, मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी के संग

पहाड़ के रंग, मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी के संग

कला-रंगमंच
शशि मोहन रवांल्टा दिल्ली के हौजखास विलेज में लोकायता आर्ट गैलरी (Lokayata Art Gallery) में 4 और 5 मार्च को एक चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित होने जा रही है, जिसमें पहाड़ के दूर—दराज गांवों से आए हुए 20 युवा because नवोदित चित्रकार प्रदर्शनी के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शनी का आयोजन 'उद्यम' नाम की एक सामाजिक संस्था के सहयोग से किया जा रहा है. ज्योतिष 'पहाड़ के रंग' नाम से आयोजित चित्र प्रदर्शनी में because उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अलग—अलग गांवों से आए हुए नवोदित चित्रकार इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं. इस प्रदर्शनी में मुख्य भूमिका में उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मौंडा गांव के मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी हैं. ज्योतिष जगमोहन बंगाणी ने पिछले एक साल में उत्तराखंड के अल्मोड़ा, ऋषिकेश और मुक्तेश्वर में चित्रकला की दस—दस दिवसीय कला कार्यशालाएं...