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यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025: दिल्ली में गूंजी उत्तराखंडी कला-संस्कृति की गाथा

यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025: दिल्ली में गूंजी उत्तराखंडी कला-संस्कृति की गाथा

उत्तराखंड हलचल
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली शनिवार, 23 अगस्त की शाम दिल्ली का सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम उत्तराखंड की रंगीन छटा में नहाया हुआ था. मौका था यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025 का. उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा और संगीत को सम्मानित करने वाला सबसे बड़ा मंच. हजारों दर्शकों की मौजूदगी, झिलमिल रोशनी, और परंपरागत-आधुनिकता का संगम इस आयोजन को अविस्मरणीय बना गया. शुरुआत श्रद्धांजलि से, समापन तालियों की गड़गड़ाहट में कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और इसके तुरंत बाद मंच पर एक गंभीर सन्नाटा छा गया— उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र की आपदा में दिवंगत लोगों को सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही, उत्तराखंड के दो अमर कलाकारों—स्व. घनानंद (घन्ना भाई) और लोकगायक जगदीश बकरोला—को याद कर सभागार भावुक हो उठा. लेकिन यहीं से कार्यक्रम ने एक नई ऊर्जा पकड़ी. लोक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने जैसे माहौल को संजीवनी ...
लोकगीत रसिकों को दीवाना बनाने वाला उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध लोकगायक दीवान कनवाल

लोकगीत रसिकों को दीवाना बनाने वाला उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध लोकगायक दीवान कनवाल

उत्तराखंड हलचल, साहित्‍य-संस्कृति
सी एम पपनैं उत्तराखंड. पर्वतीय अंचल की लोकगायन विधा के निपुण व सुविख्यात लोकगीत गायकों में सुमार तथा अपनी जादुई कर्णप्रिय गायन प्रतिभा के बल अंचल के जनमानस का दिल जीतने वाले तथा बहुआयामी विलक्षण व्यक्तित्व के साथ-साथ बेहद सरल इंसान के रूप में पहचानरत संस्कृतिकर्मी दीवान कनवाल किसी परिचय के मोहताज नहीं रहे हैं. बाल्यकाल से ही अंचल की लोकसंस्कृति के संवर्धन हेतु समर्पित रहे इस लोकगीत गायक और रचनाकार की जीवन यात्रा आज के युवा रंगकर्मियों और गायकों के लिए अति प्रेरणादायी कही जा सकती है. अंचल के सुप्रसिद्ध लोकगीत गायक दीवान कनवाल के मधुर गायन में गजब का सम्मोहन है, जिसमें पहाड़ी अंचल के लोक की ठसक साफ तौर पर दिखाई देती है. पर्वतीय अंचल के गीत-संगीत से जुड़े रहे कुशल चितेरो के सुरों की मिठास मिसरी की तरह इस लोकगीत गायक के स्वरों में घुली रहती है जो गीत-संगीत की अलौकिक दुनिया में विचरण कर जनम...