Tag: ब्राज़ील

रवांई घाटी की बेटी दिव्या ज्योति बिजल्वाण जाएंगी ब्राज़ील, करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

रवांई घाटी की बेटी दिव्या ज्योति बिजल्वाण जाएंगी ब्राज़ील, करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

उत्तरकाशी
  हिमांतर ब्यूरो, पुरोला (उत्तरकाशी) उत्तरकाशी जनपद की रवांई घाटी स्थित पोरा गांव की बेटी दिव्या ज्योति बिजल्वाण ने प्रदेश ही नहीं, पूरे देश का मान बढ़ाया है. दिव्या ज्योति का चयन ब्राजील में आयोजित होने वाले 20वें यूनाइटेड क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस ऑफ चिल्ड्रन एंड यूथ (COY20) में भारत के प्रतिनिधि के रूप में हुआ है. यह प्रतिष्ठित सम्मेलन 6 से 8 नवंबर 2025 तक फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ पारा, बेलेम (ब्राजील) में आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन (UNFCCC) के तत्वावधान में होता है, जिसमें दुनिया भर के युवा जलवायु परिवर्तन पर अपने विचार, अनुभव और समाधान साझा करते हैं. ग्राम पोरा निवासी गुरु प्रसाद बिजल्वाण की सुपुत्री दिव्या ज्योति की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, तथा क्षेत्र के अन्य जनप्रति...
कोरोना और हमारा दायित्व 

कोरोना और हमारा दायित्व 

साहित्‍य-संस्कृति
प्रो. गिरीश्वर मिश्र आजकल नए-नए अकल्पनीय दृश्यों  के साथ हर दिन का पटाक्षेप हो रहा है.  कोरोना पीड़ितों की बेशुमार होती संख्या के साथ मृत्यु का अनियंत्रित तांडव खौफनाक होता जा रहा है. इसका व्यापक अस्तित्व किसी के बस में नहीं है पर इसके समाधान के लिए जो करणीय है उसको देख सुन कर यही लगता है कि हम वह सब ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं जो इस दौरान जरूरी था.  इस बीच हमने बहुतों को खो दिया. यह सब तब हुआ जब स्पेन, इटली, ब्राजील because और अमेरिका जैसे देशों के खौफनाक मंजर सारी दुनिया के सामने थे, चिकित्सा विज्ञान के शोध अनुसंधान के परिणाम भी थे और भारत की तैयारी की जानकारी क्या है यह भी मालूम थी. यह जरूर है कि स्थिति की भयानकता का शायद अच्छी तरह पूर्वानुमान नहीं लगाया गया था. आज बढ़ते तनाव और दबाव के माहौल  में जब आर्थिक संसाधन भी सिमटते जा रहे हैं, बेरोजगारी और मंहगाई बढ़ती जा रही है आम आदमी ...
कैसे रखा जाये पृथ्वी के फेफड़े का ख्याल, जब ब्राज़ील में पर्यावरण बजट का हुआ बुरा हाल?

कैसे रखा जाये पृथ्वी के फेफड़े का ख्याल, जब ब्राज़ील में पर्यावरण बजट का हुआ बुरा हाल?

पर्यावरण
निशांत पिछले हफ्ते भारत से वैक्सीन पा कर ब्राज़ील के प्रधान मंत्री जैयर बोल्सनारो ने हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने वाले प्रकरण को याद करते हुए एक ट्वीट कर भारत को आभार व्यक्त किया और अच्छी ख़ासी सुर्खियाँ बटोरीं. बोल्स्नारो एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. लेकिन गलत वजहों से. बोल्सनारो  बोल्सनारो को यूं ही because नहीं पर्यावरण विरोधी नहीं कहा जाता. बोल्सनारो प्रशासन एक बार फिर अपनी पर्यावरण विरोधी नीति के लिए सुर्ख़ियों में है. ब्राज़ील के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 2021 का बजट पिछली शताब्दी के अंत के बाद से अब तक का सबसे कम बजट है. मौजूदा बजट प्रस्ताव बोल्सनारो प्रशासन द्वारा अपनाई गई पर्यावरणीय विघटन रणनीति को फिर से रेखांकित करता है. बजट दरअसल ब्राज़ील के पर्यावरण because मंत्रालय (MMA) और संबंधित एजेंसियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित 2021 का बजट पिछली शताब्दी के अं...