Tag: बूढ़ाकेदार

खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025 : आध्यात्मिकता, संस्कृति और सतत विकास की चेतना से गूंजता हिमालय

खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025 : आध्यात्मिकता, संस्कृति और सतत विकास की चेतना से गूंजता हिमालय

टिहरी गढ़वाल
हिमांतर ब्यूरो, टिहरी गढ़वाल हिमालय की शाश्वत नीरवता में जब भक्तों के जयकारे और लोकगीतों की गूंज घुलती है, तो वह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं रह जाती- वह बन जाती है एक चेतना का आंदोलन. ऐसी ही चेतना का पर्व बन चुकी है 41वीं खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025, जो बूढ़ाकेदार, चूला गढ़ बासर, माँ भगवती राजराजेश्वरी, प्रथम केदार बैलेश्वर से लेकर सीमांत गांव गंगी तक अपने ऐतिहासिक पड़ावों में सम्पन्न हुई. यह यात्रा पर्वतीय लोकविकास समिति, इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली, देवलिंग खतलिंग पर्यटन विकास समिति और भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई. यात्रा का मूल उद्देश्य हिमालय के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व को उजागर करते हुए युवाओं में सतत विकास और सामाजिक चेतना के प्रति जागरूकता फैलाना रहा. बूढ़ाकेदार से शुरू हुई जनचेतना की पदयात्रा दिल्ली...
मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयुक्त गढ़वाल ने जनपद टिहरी के आपदा राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में पीडितों का जाना हाल चाल

मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयुक्त गढ़वाल ने जनपद टिहरी के आपदा राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में पीडितों का जाना हाल चाल

टिहरी गढ़वाल
तिनगढ़ गांव एवं बूढ़ाकेदार आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर सुनी पीडितो की समस्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त श्री विनय शंकर पाण्डेय ने सोमवार का आपदाग्रस्त तिनगढ गॉव एवं बूढाकेदार क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होने अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में आपदा प्रभावितों और अधिकारियों के साथ बैठक कर ग्रामीणों की समस्यायें सुनी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपदा पीडितों के प्रति संवेदनशील है तथा निरन्तर राहत कार्यों की जानकारी ले रहे है. आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद के निर्देश मुख्यमंत्री जी ने दिए है आपदा पीडितों की मदद में पैसों की कमी आड़े न आने दी जाए इसके भी सख्त निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये है. आयुक्त गढवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर बूढ़ाकेदार में बालगंगा एवं धर्म गंगा के किनारे क्षतिग्रस्त ...
देश-दुनिया में शायद ही कहीं ऐसा हुआ हो- पंड़ित, क्षत्रीय और शिल्पकार का सफल संयुक्त परिवार

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टिहरी गढ़वाल
डॉ. अरुण कुकसाल उत्तराखण्ड में सामाजिक चेतना के अग्रदूत 'बिहारी लालजी' के 18 मार्च, 2021 को बूढ़ाकेदार आश्रम में निधन  होना एक युग नायक का हमारे सामाजिक जीवन से प्रस्थान करना है. टिहरी गढ़वाल जनपद की भिलंगना घाटी में धर्मगंगा और बालगंगा के संगम पर है बूढ़ाकेदार (पट्टी-थाती कठूड़). समुद्रतल से 1524 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बूढ़ाकेदार so कभी गंगोत्री - केदारनाथ पैदल मार्ग का प्रमुख पड़ाव था. यह क्षेत्र नाथ संप्रदाय से प्रभावित रहा है. ‘गुरु कैलापीर’ इस क्षेत्र का ईष्टदेवता है. यहां बुढाकेदारनाथ, राजराजेश्वरी और बालखिल्येश्वर के प्राचीन मंदिर हैं. टिहरी गढ़वाल यह सर्वमान्य हक़ीक़त है कि जातीय भेदभाव से आज भी हमारा समाज नहीं उभर पाया है.  समय-समय पर जागरूक लोगों ने इसके लिए प्रयास जरूर किए पर कमोवेश आज भी because हमारा समाज इस मुद्दे पर सदियों पूर्व की यथास्थिति में वहीं का वहीं ठिठका हुआ ...