Tag: फूलों की घाटी

गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में दिखेगी उत्तराखंड की समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत एवं प्राकृतिक सुन्दरता  

गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में दिखेगी उत्तराखंड की समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत एवं प्राकृतिक सुन्दरता  

दिल्ली-एनसीआर
कर्त्तव्य पथ पर दिखेगी “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” पर आधारित उत्तराखंड की झांकी नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित प्रेसवार्ता में विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी कलाकारों ने प्रेस के सम्मुख अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक झलक पेश की. उत्तराखण्ड राज्य के कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड की पांरपरिक वेशभूषा में राष्ट्रीय रंगशाला में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसकी उपस्थित लोगों द्वारा सराहा की गई. साथ ही इन 15 राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की झांकी के साथ पांरपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी. गणतंत्र दिवस समोराह में इस वर्ष 15 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई है. उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस.चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य से...
पीपलकोटी में पौधारोपण और चिनाब घाटी के फ्लोरा- फौना  के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

पीपलकोटी में पौधारोपण और चिनाब घाटी के फ्लोरा- फौना  के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

चमोली
पीपलकोटी में तैलाघाम तोक के भूस्खलन क्षेत्र में पौधरोपण और सुरक्षा के संकल्प के साथ सामाजिक संस्था के सदस्यों ने हिमालय दिवस मनाया. हिमालय दिवस के अवसर पर - आगाज के कार्यक्रम समन्वयक जयदीप किशोर के नेतृत्व में बाड़ेपानी और तैलाघाम भूस्खलन पर 50 - टिमरू और कचनार के पौधे रोप गए. अर्थ समूह के निदेशक सुशील कान्त सती ने कहा कि- ये हम सबकी जिम्मेदारी हैकि हम मिलजुलकर प्रकृति का संरक्षण करें  और लगाये गए पौधों के सुरक्षा करें . कैनाबिस कैफे के संचालक श्री कुलदीप नेगी ने कहा की, हिमालय दिवस सिर्फ एक ओपचारिकता नहीं है बल्कि हिमालय के संरक्षण और जैव विविधता को बचने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. आगाज के एक अध्ययन दल ने इस दौरान - जोशीमठ के पास के - ट्रेकिंग रूट और पर्यटक स्थल - चैनाब घाटी की अनाम  फूलों की घाटी का अनुज नम्बूदरी के नेतृत्व में भ्रमण किया और चैनाब घाटी के पुष्प प्रजातियों, मशरू...
फूलों की घाटी और हेमुकंड साहिब जाना होगा आसान, इतने किलोमीटर कम होगी दूरी

फूलों की घाटी और हेमुकंड साहिब जाना होगा आसान, इतने किलोमीटर कम होगी दूरी

उत्तराखंड हलचल
गोपेश्वर: विश्व धरोहर फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब की राह आसन होने वाली है। इसके लिए केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर शासन को भेज चुका है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शासन डीपीआर पर अपनी मुहर लगा देगा और सड़क मार्ग की निमार्ण कार्य शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने पुलना से भ्यूंडार तक 7.2 किमी सड़क निर्माण को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। अब लोनिवि प्रांतीय खंड गोपेश्वर द्वारा सड़क के लिए तीन करोड़ रुपये की डीपीआर शासन को भेजी गई है। इस सड़क के निर्माण से हेमकुंड साहिब की पैदल दूरी जल्द सात किमी और फूलों की घाटी की दूरी पांच किमी कम हो जाएगी। चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब (15225 फीट) और फूलों की घाटी (12995 फीट) पहुंचने के लिए गोविंदघाट से क्रमश: 19 किमी और 17 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। हालांकि, चार वर्ष पूर्व गोविंदघाट...