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गमला संस्कृति के बीच उपजते पर्यावरण के सवाल

गमला संस्कृति के बीच उपजते पर्यावरण के सवाल

पर्यावरण
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष प्रकाश उप्रेती असिस्टेंट प्रोफेसर, पीजीडीएवी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय भारत को अपनी समस्याओं से पार पाने और उनके उत्तर तलाशने के लिए बार-बार गांधी की तरफ लौटना ही होगा। आने वाले कई वर्षों तक गांधी न तो राजनीति में अप्रासंगिक हो सकते हैं न ही समाजविज्ञान में। आगत समय के संकटों को लेकर उनकी चिंता और चिंतन किसी कुशल समाजशास्त्रीय से भी महत्वपूर्ण नज़र आते हैं। ‘पर्यावरण’ शब्द का प्रयोग भले ही गांधी के चिंतन में न हो लेकिन उन्होंने इन सब समस्याओं पर चिंता और चिंतन किया है जिन्हें आज पर्यावरण के तहत देखा जाता है। गाँधी की दृष्टि एकदम साफ थी वह पर्यावरण -दोहन के खिलाफ थे।  साथ ही उनका विरोध आधुनिक ‘गमला संस्कृति’ से भी था । गांधी के लिए ‘पर्यावरण’ जीवन से अलग नहीं था । वह इसे ‘नैतिक चेतना’ से जोड़ने पर बल देते थे, संयम, स्वावलंबन, संरक्षण और स्वच्छता उसी चेतना क...
शहर में मिले गांधी जी और देश में मिले प्रेमचंद!

शहर में मिले गांधी जी और देश में मिले प्रेमचंद!

संस्मरण
बुदापैश्त डायरी-10 डॉ. विजया सती बुदापैश्त में गांधी ज्योतिष  गांधी जहां कहीं भी हों, उस because जगह जाना, उनके साथ पल भर को ही सही, बस होना मुझे प्रिय है. और गांधी विश्व में कहां नहीं? तो because बुदापैश्त में भी मिले. .. गैलर्ट हिल पर ! इस नन्हीं खूबसूरत पहाड़ी because पर है- गार्डन ऑफ़ फिलॉसफी या फिलॉसफर्स गार्डन ! ज्योतिष यहाँ धातु और ग्रेनाईट से because बनी कई प्रतिमाएं स्थापित हैं. शानदार हैं प्रवेश द्वार because पर लिखी पंक्तियां .. For a better understanding of one another. आप मानें या न मानें ..दरकार तो यही है आज ! ज्योतिष विश्व की विभिन्न संस्कृतियों because और धर्म की प्रतीक आकृतियाँ यहाँ एक गोलाकार में संजोई गई हैं, धातु की पांच मुख्य आकृतियाँ हैं - इब्राहिम, अखनातेन, ईसा मसीह, बुद्ध और लाओत्से की. कला के माध्यम से सहनशीलता because और शांतिपूर्ण सहस्तित्व...