Tag: उड़ीसा

दून पुस्तकालय में ओडिया भाषा और लघु कथाएं विषय पर प्रस्तुति

दून पुस्तकालय में ओडिया भाषा और लघु कथाएं विषय पर प्रस्तुति

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सांय उड़िया भाषा और उसके साहित्य विषय पर एक सत्र केंद्र के सभागार में आयोजित किया. इसका प्रारूप अम्मार नकवी द्वारा दृश्य-श्रव्य माध्यम से किया गया. भारतीय साहित्य की समृद्ध परंपरा को समझने और सराहने की श्रृंखला का यह सातवाँ सत्र था. सत्र की शुरुआत उड़ीसा के भौगोलिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के परिचय और सामान्य रूप से धारणा के साथ हुई. बाद में धीरे-धीरे यह मगधी प्राकृत और गीत गोविंदा जैसे मध्ययुगीन ग्रंथों में इसके मूल और इसके विकास में गजपति साम्राज्य जैसी ऐतिहासिक साम्राज्यों की भूमिकाओं की ओर बढ़ गया. इसके बाद भाषा की संरचना पर ध्यान केंद्रित किया गया,जो कि बांग्ला और तेलुगु की तुलना में प्रभावशाली भाषाओं के रूप में है. अम्मार नक़वी ने ओडिया की उत्पत्ति सामान्य कुटिला/सिद्धम लिपि से कैसे हुई और कैसे इसकी शाखाएँ फैलीं, इसकि ...
नेताजी ने ही दिया था गांधीजी को ‘राष्ट्रपिता’ का सम्मान

नेताजी ने ही दिया था गांधीजी को ‘राष्ट्रपिता’ का सम्मान

स्मृति-शेष
नेताजी की1 26वीं जन्मजयंती पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिवीर नेता सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जन्म जयंती है. समूचा देश नेता जी की इस जयंती को 'अगाध श्रद्धाभाव से मना रहा है. 'नेताजी' के नाम से विख्यात सुभाष चन्द्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता because आंदोलन के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखे जाने योग्य है. उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान,भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये 21अक्टूबर,1943 को 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया.इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था. इस संगठन का राष्ट्रीय गीत था- हरताली “क़दम-क़दम बढाए जा, खुशी के गीत गाए जा” जिसे गुनगुना कर संगठन के सेनानी जोश और उत्साह से भर उठते थे. उनके द्वारा दिया गया 'जय हिन्द' का नारा आज भी भारत का राष्ट्...
कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

अध्यात्म
राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय so और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी. चैत शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) त्यौहार तथा चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) एवं हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) संवत-2078 का शुभारम्भ 13 अप्रैल 2021 से 'राक्षस' सम्वत्सर प्रारंभ हो रहा है. राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति because राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी. इस बार नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 से शुरू हो रही हैं, आज के दिन ही नववर्ष भी मनाया जाता है. ऐतिहासिक धरोहर यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार 13 अप्रैल को ही बैसाखी का पर्व भी है. इसके साथ ही 13 अप्रैल से शुरू ...