Tag: असोज

घास और थुपुड का पहाड़

घास और थुपुड का पहाड़

संस्मरण
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—23प्रकाश उप्रेतीहम इसे- 'घा थुपुड' कहते हैं. यह एक तरह से सूखी घास को लंबे समय तक धूप-बरसात से बचाकर सुरक्षित रखने का तरीका है. जब जंगलों में आग लग जाती थी और घास नहीं मिलती थी तो इसी घास से काम चलता था. पहाड़ अपनी परिस्थितियों के अनुकूल साधन तैयार कर लेता है. बाहरी दुनिया पर उसकी निर्भरता बहुत ही कम होती है. 'असोज' के महीने में पूरा गाँव घास काटने पर टूटा रहता था. ईजा 'दाथुल' (दरांती) पैनी कर सुबह-सुबह पानी की कमण्डली लेकर घास काटने चली जाती थीं. हम बाद में उनके लिए खाना लेकर जाते थे. भयंकर धूप में ईजा घास काटने पर लगी रहती थीं. हमारे जाने पर ईजा थोड़ा 'स्योव' (छाया) बैठतीं, खाना खातीं. हम भी ईजा के साथ बैठकर मंडुवे की रोटी में तिल की चटनी और कद्दू की सब्जी खाते थे. जब भी ईजा के लिए खाना लेकर जाते तो खुद घर से खाकर नहीं जाते थे. 'भ्योव' में 'स्य...