पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

पितृपूजा: वैदिक धर्म की विराट ब्रह्मांडीय अवधारणा

पितृपक्ष: धर्मशास्त्रीय विवेचन-2 डॉ. मोहनचंद तिवारी मैंने पिछले लेख में भारतीय काल गणना के अनुसार पितृपक्ष के बारे में बताया था कि धर्मशात्र के ग्रन्थ  ‘निर्णयसिन्धु’ के अनुसार आषाढी कृष्ण अमावस्या से पांच पक्षों के because बाद आने वाले पितृपक्ष में जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है तब पितर जन क्लिष्ट होते हुए अपने पृथ्वीलोक […]

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