ग़म-ए-ज़िदगी तेरी राह में

ग़म-ए-ज़िदगी तेरी राह में

बुदापैश्त डायरी-14 डॉ. विजया सती ग़म-ए-ज़िदगी तेरी राह में, शब-ए-आरज़ू तेरी चाह में ………………………..जो बिछड़ गया वो मिला नहीं ! बुदापैश्त शान्दोर कोरोशी चोमा के लिए हम यही कह सकते हैं! so बुदापैश्त जाकर इन्हें जानना संभव हुआ क्योंकि हंगेरियन इंडोलोजी के इतिहास में कोरोशी चोमा का काम मील का पत्थर माना जाता है. बुदापैश्त […]

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  जहां विश्वास है, वहां प्यार है!

 जहां विश्वास है, वहां प्यार है!

बुदापैश्त डायरी-12 डॉ. विजया सती विदेश में हम अपनी भाषा भी पढ़ाते हैं और अपने देश से भी परिचित कराते हैं – क्योंकि आखिरकार तो देश की पूरी तस्वीर देनी है हमें ! जैसे हमारा अध्यापन अपने देश के परिचय से जुड़ा रहता है, because उसी तरह दूसरे देश का पूर्ण परिचय भी हमारा लक्ष्य […]

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 राष्ट्र नायक

राष्ट्र नायक

बुदापैश्त डायरी-11 डॉ. विजया सती बुदापैश्त में रहते हुए हमने जाना कि 15 मार्च हंगरी के इतिहास में एक विशेष दिन है. यह 1948 की क्रान्ति की स्मृति में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय दिवस है. इस क्रान्ति के प्रमुख because व्यक्तित्व के रूप में पेतोफ़ी शांदोर को याद किया जाता है. हंगरी की क्रान्ति और […]

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 बुदापैश्त डायरी-2 : भाषा का पुल

बुदापैश्त डायरी-2 : भाषा का पुल

डॉ विजया सती दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से हाल में ही सेवानिवृत्त हुई हैं। इससे पहले आप विज़िटिंग प्रोफ़ेसर हिन्दी – ऐलते विश्वविद्यालय, बुदापैश्त, हंगरी में तथा प्रोफ़ेसर हिन्दी – हान्कुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ़ॉरन स्टडीज़, सिओल, दक्षिण कोरिया में कार्यरत रहीं। साथ ही महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, पुस्तक समीक्षा, संस्मरण, आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहे हैं। विजया सती जी अब ‘हिमाँतर’ के लिए ‘देश-परदेश’ नाम से कॉलम लिखने जा रही […]

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 बुदापैश्त डायरी

बुदापैश्त डायरी

डॉ विजया सती दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से हाल में ही सेवानिवृत्त हुई हैं। इससे पहले आप विज़िटिंग प्रोफ़ेसर हिन्दी – ऐलते विश्वविद्यालय, बुदापैश्त, हंगरी में तथा प्रोफ़ेसर हिन्दी – हान्कुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ़ॉरन स्टडीज़, सिओल, दक्षिण कोरिया में कार्यरत रहीं। साथ ही महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, पुस्तक समीक्षा, संस्मरण, आलेख निरंतर प्रकाशित होते […]

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