ग़म-ए-ज़िदगी तेरी राह में
बुदापैश्त डायरी-14 डॉ. विजया सती ग़म-ए-ज़िदगी तेरी राह में, शब-ए-आरज़ू तेरी चाह में ………………………..जो बिछड़ गया वो मिला नहीं ! बुदापैश्त शान्दोर कोरोशी चोमा के लिए हम यही कह सकते हैं! so बुदापैश्त जाकर इन्हें जानना संभव हुआ क्योंकि हंगेरियन इंडोलोजी के इतिहास में कोरोशी चोमा का काम मील का पत्थर माना जाता है. बुदापैश्त […]
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