Tag: लॉकडाउन

आईए एंड सी द्वारा 8 से 11 सितम्बर तक प्रगति मैदान में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन

आईए एंड सी द्वारा 8 से 11 सितम्बर तक प्रगति मैदान में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन

देश—विदेश
वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर द्वारा नेशनल क्राफ्ट इंपोरियम एंड हस्तकला एकेडमी, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया है. यह फोटो प्रदर्शिनी 8 सितम्बर से 11 सितम्बर 2022 तक चलेगी तथा 38 लोगों ने इस फोटो प्रदर्शिनी में प्रतिभाग किया है. इस फोटो प्रदर्शिनी का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला, वस्त्र मंत्रालय, सचिव, उपेंद्र प्रसाद सिंह, इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर की चेयरपर्सन एवं डारेक्टर रमा उप्रेती, आईए एंड सी के फाउंडर एंड डारेक्टर तारा चंद उप्रेती, आईए एंड सी के क्यूरेटर आशीष मिश्रा, एयर मार्शल (रि.) वीपीएस राणा ने किया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला ने कहा कि भारत की कला और संस्कृति का बड़ा गौरवशाली इतिहास है जिसे दुनियाभर में पहचाना और सराहा जाता है. हालांकि, हमारी प्रतिभा और रचनात्मकता की क्षमता क...
कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने उठाया सख्त कदम, 11 से 18 मई तक कोविड कर्फ्यू

कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने उठाया सख्त कदम, 11 से 18 मई तक कोविड कर्फ्यू

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून कोरोना संकट काल में लॉकडाउन की आश लगाए लोगों को कोरोना कर्फ्यू की खबर मिली. सरकार ने कोरोना कर्फ्यू में 10 को ढील देते हुए 11 से लगने का निर्णय लिया है. अब उत्तराखंड में 11 मई से लेकर 18 मई तक पूरे प्रदेश में सख्ती के साथ कोविड कर्फ्यू रहेगा जारी. कल 1 बजे तक खुलेंगी सभी दुकाने फल, दूध, सब्जी, मास मछली और आवश्यक सेवाओ की दुकानें. शराब की दुकानें और बार पूर्ण रूप से बंद. 11 से 18 मई पूरे राज्य में कोविड कर्फ़्यू. ये सरकार का पहला चरण है इसके बाद अगला फैसला होगा. प्रतिदिन सुबह 7 से 10 दूध सब्जी मास मछली की दुकानें खुलेगी अंतरराज्यीय परिवहन में 50 फीसदी अनुमति, पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी होगा. इस कर्फ़्यू काल मे सिर्फ 13 मई को केवल 1 बजे तक राशन की दुकानें खुली रहेगी. शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि लोगों की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार ने किया बड़ा फैसला...
आखन देखी

आखन देखी

समसामयिक
ललित फुलारा जब मैं यह लिख रहा हूं.. जुलाई बीत चुका है. फुटपाथ, सड़कें, गली-मोहल्ले कोरोना से निर्भय हैं! जीवन की गतिशीलता निर्बाध चल रही है. लोगों के चेहरों पर मास्क ज़रूर हैं, पर भीतर का डर धीरे-धीरे कम होने लगा है. रोज़मर्रा के कामकाज़ पर लौटे व्यक्तियों ने आशावादी रवैये से विषाणु के भय को भीतर से परास्त कर दिया है. घर के अंदर बैठे व्यक्तियों की चिंता ज्यादा है, बाहर निकलने वाले जनों ने सारी चीजें नियति पर छोड़ दी हैं. वैसे ही जैसे असहाय, अगले पल की चिंता, दु:ख, भय और परेशानी ईश्वर पर छोड़ देता है. दरअसल, पेट की भूख दुनिया की हर महामारी से बड़ी होती है. पेट की भूख के चलते ही तीन महीने पहले तक जो सड़कें भयग्रसित हो गईं थी, अब वहां हलचल है एवं स्थितियां सामान्य होने लगी हैं. मास्क व सैनिटाइज़र को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाते हुए लोग अपने कर्म पर लौट चले हैं. गली-मोहल्लों में कु...