बुदापैश्त डायरी-3
देश—परदेश भाग—3
डॉ. विजया सती
विभाग में हमारे पास एक बहुत ही रोचक पाठ-सामग्री थी, यह विभाग के पहले विजिटिंग प्रोफ़ेसर हिन्दी लेखक असग़र वजाहत जी के सहयोग से मारिया जी ने तैयार की थी. इसका नाम था– विनोद. बाद में इन पाठों का पुस्तक रूप में प्रकाशन हुआ. ये पाठ विनोद के माध्यम से भारतीय जीवन का पूरा परिचय कराते थे– भारतीय परिवार, पारस्परिक व्यवहार, बचपन, शिक्षा, रोज़गार, शहर, सम्बन्ध और तमाम परिवर्तन. विद्यार्थी विनोद के माध्यम से भारत की सैर कर लेते थे. और जब वे भारत आने का अवसर पाते तो विनोद के घर, शहर, बाजार घूम लेना चाहते.
अकबर-बीरबल के किस्सों के माध्यम से भी हमने विद्यार्थियों को हिन्दी से जोड़ने का प्रयास किया.भारतीय फ़िल्में और गीत उन्हें बहुत प्रिय थे. हर सप्ताह फिल्म क्लब में वे चुनी हुई हिन्दी फिल्म देखते और उस पर चर्चा भी करते. बौलीवुड नृत्य समूह की प्रस्तुतियों में वे हिन्दी ग...