Tag: बागेश्वर

खाई में गिरी कार, हादसे में चार लोगों की मौत!

खाई में गिरी कार, हादसे में चार लोगों की मौत!

उत्तराखंड हलचल
बागेश्वर : बागेश्वर में दर्दनाक हादसे की खबर है। जानकारी के अनुसार चिडंग के पास सुबह करीब पांच बजे एक कार खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। कार वड्यूड़ा सनेती (रीमा) से बागेश्वर आ रही थी। चिडंग के पास सुबह पांच बजे कार खाई में जा गिरी। हादसे का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। मृतकों में तीन युवक एक ही गांव के थे। पुलिस, फायर और राजस्व विभाग की टीम मौके पर है।...
उत्तराखंड की बेटी ने रचा इतिहास, महासागर की गहराइयों में फहराई श्रीराम पताका

उत्तराखंड की बेटी ने रचा इतिहास, महासागर की गहराइयों में फहराई श्रीराम पताका

उत्तराखंड हलचल
भगवान राम के अयोध्या में विराज हो गए हैं। इस मौके पर उत्तराखंड की बेटी ने श्रीराम की पताका के साथ हिंद महासागर की गहरियों स्कूबा डाइविंग कर इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड की कल्पना ने श्रीराम की पताका को हिंद महासागर की गहराइयों में फहराकर इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड के बागेश्वर की रहने वाली कल्पना ने स्कूबा डाइविंग कर हिंद महासागर की गहराइयों में श्रीराम पताका फहराई। कल्पना ने बताया कि रामलला के दर्शन करने के लिए उनका मन भी उत्साहित है। कल्पना ने बताया कि दो महीने के बाद जब छुट्टियों पर घर आएंगी तो उनकी कोशिश रहेगी कि वो अपने माता-पिता के साथ रामनवमी पर प्रभु राम की नयनाभिराम छवि को साक्षात देखें। मिली जानकारी के मुकाबिक कल्पना सैन्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। कल्पना बागेश्वर जिले के द्वारसों गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में होने के बाद उनका मन प्रभु राम के लिए कुछ न क...
चाकू उठाया और कर दिया ऐसा खौफनाक कारनामा, सोचकर ही आपकी रूह कांप जाएगी!

चाकू उठाया और कर दिया ऐसा खौफनाक कारनामा, सोचकर ही आपकी रूह कांप जाएगी!

उत्तराखंड हलचल
बागेश्वर: हर दिन ऐसी कई खबरें सामने आती हैं, जो आपको चौंका देती हैं। ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं, जिनके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। ऐसा ही एक कारनामा बागेश्वर के 45 व्यक्ति ने कर दिया, जिसके बारे में सोचकर ही आपकी रूह कांप जाएगी। बागेश्वर के काफलीगैर तहसील क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपना प्राइवेट पार्ट काट दिया। व्यक्ति की गंभीर हालत देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां खून ज्यादा बहने के कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, व्यक्ति काफलीगैर तहसील के भटखोला गांव का रहने वाला है। उसकी उम्र करीब 45 साल है। आस पड़ोस के लोगों ने बताया कि उस व्यक्ति ने खुद को पांच दिनों से कमरे में बंद कर रखा था। शनिवार को उसके कमरे से चिल्लाने की आवाज आई। चिल्लाने की आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग भाग के उसके कमरे में गए। लोगों ने कमरे का नजारा देखा तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि उस व्यक्ति...
बागेश्वर : DM के खिलाफ जांच के निर्देश, ये है मामला

बागेश्वर : DM के खिलाफ जांच के निर्देश, ये है मामला

बागेश्‍वर
बागेश्वर : DM अनुराधा पाल के खिलाफ वामपंथी पार्टियों की ओर से की गई शिकायत का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। इस मामले मे उत्तराखंड निर्वाचन आयोग को मामले की गंभीरता से जांच करने के कुमाऊं आयुक्त को जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में  और प्वाइंट टू प्वाइंट रिपोर्ट भेजने को कहा है। चुनाव आयोग की ओर से साफ किया गया है डीएम के खिलाफ जो भी शिकायत की गई है उससे जुड़े हर पहलू की जांच की जानी चाहिए। बागेश्वर की DM पर मनमानी करने। एक राजनीतिक पार्टी की एजेंट के तौर कर काम करने का आरोप लगा था। लेफ्ट पार्टियों ने केंद्रीय चुनाव आयोग से ऑनलाइन शिकायत की गई थी उसी शिकायत पर अब जांच के आदेश दिए गए हैं। शिकायती पत्र में लिखा था ...
उत्तराखंड का परंपरागत रेशा शिल्प

उत्तराखंड का परंपरागत रेशा शिल्प

साहित्‍य-संस्कृति
चन्द्रशेखर तिवारी प्राचीन समय में समस्त उत्तराखण्ड में परम्परागत तौर पर विभिन्न पादप प्रजातियों के because तनों से प्राप्त रेशे से मोटे कपड़े अथवा खेती-बाड़ी व पशुपालन में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों का निर्माण किया जाता था. पहाड़ में आज से आठ-दस दशक पूर्व भी स्थानीय संसाधनों से कपड़ा बुनने का कार्य होता था. ट्रेल (1928) के अनुसार उस काल में पहाड़ के कुछ काश्तकार लोग कुछ जगहों पर कपास की भी खेती किया करते थे. ज्योतिष कुमाऊं में कपास की बौनी किस्म से कपड़ा बुना जाता था. कपड़ा बुनने के इस काम को तब शिल्पकारों की उपजाति कोली किया करती थी. हाथ से बुने इस कपड़े को 'घर बुण’ के नाम से जाना जाता था. टिहरी रियासत में कपड़ा बुनने वाले बुनकरों को because पुम्मी कहा जाता था. भारत की जनगणना 1931, भाग-1, रिपोर्ट 1933 में इसका जिक्र आया है. उस समय यहां कुमाऊं के कुथलिया बोरा व दानपुर के बुनकर तथा गढ़वाल क...
फेसबुक सर्वेक्षण : कुमाऊं में मन्या अवशेष…

फेसबुक सर्वेक्षण : कुमाऊं में मन्या अवशेष…

धर्मस्थल
कुमाऊं में मनिया मंदिर: एक पुनर्विवेचना -3 डॉ. मोहन चंद तिवारी द्वाराहाट के 'मनिया मंदिर समूह' के सन्दर्भ में पिछली दो पोस्टों में विस्तार से चर्चा की गई है.किंतु मन्याओं के बारे में इतिहास और पुरातत्त्व के विद्वानों द्वारा कोई खास जानकारी नहीं दी गई है. because इसी सन्दर्भ में फेसबुक के माध्यम से कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों में 'मन्या' सम्बन्धी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया. चिंता का विषय है कि आज हमारे पास कत्युरी नरेश मानदेव के द्वारा जैन श्रावकों अथवा शिल्पकारों के माध्यम से निर्मित द्वाराहाट के 'मनिया मन्दिर समूह' के अतिरिक्त कोई भी जीवंत साक्ष्य नहीं हैं. अधिकांश मन्याएं नष्ट हो चुकी हैं,उनका कोई नामोनिशान नहीं बचा है. कुछ धार्मिक स्थलों की मन्याओं का पुनर्निर्माण हो चुका है. ज्योतिष 'कुमाऊंनी शब्द सम्पदा', 'कुमाऊंनी' और 'पहाड़ी फ़सक' ग्रुपों से मन्याओं के बारे में विभि...
मिलिए, उत्तराखंड के उस शख्स से जिनका पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में लिया नाम

मिलिए, उत्तराखंड के उस शख्स से जिनका पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में लिया नाम

बागेश्‍वर
ललित फुलारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में उत्तराखंड के बागेश्वर निवासी जगदीश कुन्याल के पर्यावरण संरक्षण और जल संकट से निजात दिलाने वाले because कार्यों की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि उनका यह कार्य बहुत कुछ सीखाता है. उनका गांव और आसपास का क्षेत्र पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए एक प्राकृतिक जल स्त्रोत पर निर्भर था. जो काफी साल पहले सूख गया था. so जिसकी वजह से पूरे इलाके में पानी का संकट गहरा गया. जगदीश ने इस संकट का हल वृक्षारोपण के जरिए करने की ठानी. उन्होंने गांव के लोगों के साथ मिलकर हजारों की संख्या में पेड़ लगाए और सूख चुका गधेरा फिर से पानी से भर गया. कौन हैं जगदीश कुन्याल दरअसल, जगदीश कुन्याल पर्यावरण प्रेमी हैं और उन्होंने अपनी निजी प्रयास से इलाके में हजारों की संख्या में वृक्षारोपण किया जिसकी वजह से सूख चुके पानी के गधेरे में जल...