उत्तराखंड का परंपरागत रेशा शिल्प
चन्द्रशेखर तिवारी प्राचीन समय में समस्त उत्तराखण्ड में परम्परागत तौर पर विभिन्न पादप प्रजातियों के because तनों से प्राप्त रेशे से मोटे कपड़े अथवा खेती-बाड़ी व पशुपालन में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों का निर्माण किया जाता था. पहाड़ में आज से आठ-दस दशक पूर्व भी स्थानीय संसाधनों से कपड़ा बुनने का कार्य होता था. […]
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