Tag: झंडेवालान

हिमालय और भृगुगंगा से आप्त भिलंगना क्षेत्र का पौराणिक महत्त्व

हिमालय और भृगुगंगा से आप्त भिलंगना क्षेत्र का पौराणिक महत्त्व

दिल्ली-एनसीआर
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली अध्यात्म, तप साधना,दिव्य स्थलों और संस्कृत ज्ञान के लिए प्रसिद्ध भिलंगना घाटी से पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी जी भी इन्हीं गुणों से आकर्षित हुए होंगे. उत्तराखंड सरकार के संस्कृत प्रसार कार्यक्रमों में जब मुझे यहां जाने का सौभाग्य मिला तो वहां के विराट सौंदर्य सत और सकारात्मक परिवेश को देखकर मैं भी अभिभूत हुआ हूं. आज खुशी हो रही है जब यहां भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के माध्यम से वहां के नौनिहाल उस एक पावन घाटी ही नहीं, बल्कि देवभूमि के सात्त्विक प्रतिरूप को भी प्रदर्शित कर रहे हैं. ये विचार भिलंगना क्षेत्र विकास समिति द्वारा नई दिल्ली के झंडेवालान स्थित बद्रीनारायण धाम गढ़वाल भवन में आयोजित भिलंगना घाटी महोत्सव -2023 में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत के जाने माने शीर्ष विद्वान श्री श्रीकृष्ण सेमवाल ने व्यक्त किए. समारोह के अतिविशिष्ट अतिथि डॉक्टर गोस्व...
अध्यात्म, शौर्य, साहस और कर्तव्यपालन देवभूमि की पहचान : कृपा शंकर

अध्यात्म, शौर्य, साहस और कर्तव्यपालन देवभूमि की पहचान : कृपा शंकर

दिल्ली-एनसीआर
नई दिल्ली : देवभूमि उत्तराखंड अपने अध्यात्म, शौर्य, साहस और कर्तव्यपालन के लिए भारत में ही नहीं दुनियाभर में प्रसिद्ध है. चारधामों सहित यहां अनेकों दिव्य सिद्धपीठ हैं जो आत्मिक शांति के केंद्र हैं. देशरक्षा हेतु सीमाओं पर डटे सैनिक वीरता के पर्याय हैं तो आज भी घर और बाहर दोनों जगह पुरुषार्थ में लगी माता-बहनें शक्ति का स्रोत हैं. यह सब सात्त्विक गुण इस पावन भूमि को विरासत में मिले हैं. इसी का प्रभाव है कि आज भी देवभूमि की प्रतिभाशाली संतानें प्रत्येक क्षेत्र में अपनी महत्ता और विश्वसनीयता प्रमाणित कर रही हैं. स्वतंत्रता सेनानी श्रीदेव सुमन जैसे इतिहास पुरुष के पराक्रम को विद्यालयी पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए ताकि हमारी नई पीढ़ी अपने महान पूर्वजों के यश से परिचित हो सके. ये विचार गढ़वाल भवन, झंडेवालान नई दिल्ली में अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आयोजित  कार्यक्रम में वरेण्...