कमिश्नर मातादीन और झिमरू
लघुकथा डॉ. गिरिजा किशोर पाठक कमिश्नर मातादीन साहब को मन ही मन यह बात कचोट रही है कि वे झिमरू के भरोसे कैसे लुट गये. झिमरु की निष्ठा पर विश्वास और अविश्वास के अन्तर्द्वन्द में वे कुलबुला रहे हैं. विगत दस साल से झिमरू इनके साथ है. वह एक सजग और जागरुक प्रहरी है. किसी […]
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