Tag: इन्द्रमणि बडोनी

भिलंगना घाटी के मसीहा : हिमालय गौरव इन्द्रमणि बडोनी

भिलंगना घाटी के मसीहा : हिमालय गौरव इन्द्रमणि बडोनी

टिहरी गढ़वाल
सूर्य प्रकाश सेमवाल पश्चिम के मीडिया ने ज़िंदा और चलते फिरते गाँधी की उपमा जिस सामाजिक, सांस्कृतिक,आध्यात्मिक और राजनीतिक विभूति को दी थी, वह कोई और न ही हिमालयी व्यक्तित्व स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी थे. यही कारण है कि देश के गांधी की तरह बेशक पहाड़ के गांधी के संकल्पों और मुद्दों को हाशिये पर पहुंचा दिया गया हो लेकिन अपने विराट एवं उदात्त व्यक्तित्व तथा सादगी व सहज व्यवहार के लिए सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए ही नहीं वरन् सामान्य जनमानस के लिए भी सदैव प्रेरणाप्रद एवं वदनीय बने रहेंगे. वाटर हारवैस्टिंग अपने अनुकरणीय आचरण, शैक्षणिक जागरूकता,  कुशल नेतृत्व क्षमता एवं निश्च्छल कार्यशैली के बल पर बडोनी जी ने दलगत व क्षेत्रीय भावना से ऊपर होकर समूचे पहाड़ी क्षेत्र because में अपनी एक विशेष पहचान व साख बनाई थी. वे अपनी कर्मभूमि भिलंगना घाटी के गंगी गाँव से लेकर पौड़ी, चपावत, अल्मोड़ा ...
“पहाड के गांधी” और उत्तराखंड आंदोलन के जन नायक इंद्रमणि बडोनी      

“पहाड के गांधी” और उत्तराखंड आंदोलन के जन नायक इंद्रमणि बडोनी      

स्मृति-शेष
बडोनी जी की पुण्यतिथि पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 18 अगस्त को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास में ‘पहाड के गांधी’ के रूप में याद किए जाने वाले श्री इन्द्रमणि बडोनी जी की पुण्यतिथि है. मगर दुःख के साथ कहना पड़ता है कि उत्तराखंड की जनता के द्वारा इस जन नायक की पुण्यतिथि जिस कृतज्ञतापूर्ण हार्दिक संवेदनाओं के साथ मनाई जानी चाहिए उसका अभाव ही नजर आता है. इससे सहज में ही अनुमान लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड की राजनीति आज किस प्रकार की विचारशून्य, स्वार्थपूर्ण और निराशा के दौर से विचरण कर रही है? इतिहास साक्षी है कि जो कौम या समाज अपने स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भुला देता है, वह ज्यादा दिनों तक अपनी स्वतंत्रता की रक्षा नहीं कर सकता. उत्तराखंड की सम्पूर्ण जनता अपने महानायक के पीछे लामबन्द हो गयी थी. बीबीसी ने तब कहा था, ‘‘यदि आपने जीवित एवं चलते फिरते गांधी को देखना है तो...