Tag: अयोध्या

अयोध्या में धामी सरकार, रामलला के दर्शन किए, देखें तस्वीरें

अयोध्या में धामी सरकार, रामलला के दर्शन किए, देखें तस्वीरें

उत्तराखंड हलचल
मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ श्रीराम मंदिर मे पूजा अर्चना कर देश प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की। भावुक हुए धामी ने कहा, रोम-रोम भक्तिमय और प्रफुल्लित हुआ मन। देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। इस दौरान सभी बेहद उत्साहित और भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के साथ जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वे अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए। अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में पहुंचे पर मुख्यमंत्री धामी और उनके सहयोगियों का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पूरा परिसर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। यहां से वह राम जन्मभूमि के ल...
कैबिनेट मंत्रियों के साथ अयोध्या रवाना हुए सीएम धामी, राम लला के करेंगे दर्शन

कैबिनेट मंत्रियों के साथ अयोध्या रवाना हुए सीएम धामी, राम लला के करेंगे दर्शन

उत्तराखंड हलचल
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ अयोध्या रवाना हो गए हैं। उनके साथ सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, रेखा आर्य एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे और अयोध्या धाम के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल के साथ आज अयोध्या रवाना हो गए हैं। यहां वे हनुमान गढ़ी और रामलला के दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी अयोध्या धाम में प्रभु राम की पूजा अर्चना के बाद देर शाम देहरादून लौटेंगे। इस दौरान सीएम ने कहा कि रामलला के दर्शन के पूर्व ही रोम-रोम भक्तिमय और मन प्रफुल्लित है। इससे पूर्व भी सीएम की मंत्रियों के साथ अयोध्या जाकर दर्शन करने की तैयारी थी, लेकिन वहां भारी भीड़ होने से मुख्यमंत्री ने अयोध्या जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।...
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से अयोध्या आस्था स्पेशल ट्रेन का किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से अयोध्या आस्था स्पेशल ट्रेन का किया फ्लैग ऑफ

उत्तराखंड हलचल
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हरिद्वार रेलवे स्टेशन से अयोध्या जाने वाली आस्था स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से अयोध्या के मध्य आस्था स्पेशल ट्रेन के संचालन की शुभकामनाएं देते हुए ट्रेन के संचालन पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ट्रेन के संचालन से हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून सहित गढ़वाल व कुमाउं क्षेत्र के रामभक्तों को सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए हम सभी ने कितना संघर्ष किया, अब हमें उस संघर्ष का प्रतिफल प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार में मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के लिए चलाए गए आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। उन्होंने कहा कि जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से वर्षों पुराना ये स्वप्न साकार हुआ, जिनकी तप...
रोकी गईं अयोध्या जाने वाली सभी रोडवेज बसें

रोकी गईं अयोध्या जाने वाली सभी रोडवेज बसें

उत्तराखंड हलचल
डवेज की सभी बसें रोक दी गई हैं। परिवहन निगम के महाप्रबंधक ऑपरेशन मनोज पुंडीर ने बताया कि अयोध्या जाने वाली सभी मार्ग कि बसों का संचालन बंद किया गया है। भीड़ कम होने पर इसकी समीक्षा की जाएगी। अयोध्या में मंदिर की ओर जाने वाले सभी रास्तों को चार से पांच किलोमीटर पहले ही बंद कर दिया गया है। सिर्फ पैदल यात्रियों को ही लाइन से पैदल जाने की अनुमति मिली है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है। सुबह से भारी संख्या में लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए थे। जिससे प्रशासन के सामने अव्यवस्था के हालात पैदा हो गए थे। परिवहन निगम के महाप्रबंधक ऑपरेशन मनोज पुंडीर ने बताया कि अयोध्या जाने वाली सभी मार्ग कि बसों का संचालन बंद किया गया है। लखनऊ जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि अभी कोई भी यात्री अयोध्या न भेजे जाएं। बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रण करने में समस्या हो रही है। इसके बजाय यहां से लोगों को अन्य...
‘उत्तरायणी’ वैदिक आर्यों का रंग-रंगीला ऐतिहासिक लोकपर्व

‘उत्तरायणी’ वैदिक आर्यों का रंग-रंगीला ऐतिहासिक लोकपर्व

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चंद तिवारी हमें अपने देश के उन आंचलिक पर्वों और त्योहारों का विशेष रूप से आभारी होना चाहिए जिनके कारण भारतीय सभ्यता और संस्कृति की ऐतिहासिक पहचान आज भी सुरक्षित है. उत्तराखण्ड का 'उत्तरायणी' पर्व हो या बिहार का 'छठ पर्व' केरल का 'ओणम पर्व' because हो या फिर कर्नाटक की 'रथसप्तमी' सभी त्योहार इस तथ्य को सूचित करते हैं कि भारत मूलतः सूर्य संस्कृति के उपासकों का देश है तथा बारह महीनों के तीज त्योहार यहां सूर्य के संवत्सर चक्र के अनुसार मनाए जाते हैं. ‘पर्व’ का अर्थ है गांठ या जोड़. भारत का प्रत्येक पर्व एक ऐसी सांस्कृतिक धरोहर का गठजोड़ है because जिसके साथ पौराणिक परम्पराओं के रूप में प्राचीन कालखण्डों के इतिहास की दीर्घकालीन कड़ियां भी जुड़ी हुई हैं. पौराणिक ऐतिहासिक दृष्टि से सूर्योपासना से जुड़ा मकर संक्रान्ति या उत्तराखण्ड का 'उत्तरायणी' का पर्व भारत के आदिकालीन सूर्यवंशी भ...
बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर!

बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर!

लोक पर्व-त्योहार
दीपावली पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र कहते हैं ‘भारत ’ यह नाम भरत नामक अग्नि के उपासकों के because समुदाय से जुड़ा है. वेदों के व्याख्याकार यास्क ने ‘भारत’ का अर्थ ‘आदित्य’ किया है. ब्राह्मण ग्रंथों में ‘अग्निर्वै भारत:’ ऐसा उल्लेख मिलता है. ‘भारती’ इस शब्द की व्याख्या करते हुए यास्क ‘भारत आदित्य तस्य भा: ‘ भारती वाक् और उससे जुड़े जन भी भारत हुए. ऋग्वेद में स्पष्ट उल्लेख आता है : ‘विश्वामित्रस्य रक्षति ब्रह्मेदं भारतं जनं’. इन सबको देखते हुए प्रकाश के प्रति आकर्षण भारतीय परम्परा में आरम्भ से ही एक प्रमुख आधार प्रतीत होता है. प्रकाश के प्रमुख स्रोत  अग्नि देवता है. गौरतलब है कि अग्नि सबको पवित्र करने वाला ‘पावक’ है और शरीर के भीतर so (जठराग्नि!) और बाहर की दुनिया में बहुत सारे कार्य उसी की बदौलत चलते हैं. यहाँ तक की जल में भी वाड़वाग्नि होती है. आजकल के सुनामी इसे स्पष्टत: प्रदर्शित...
गांव की रामलीला से ही आरंभ हुआ रंगकर्म का सफर

गांव की रामलीला से ही आरंभ हुआ रंगकर्म का सफर

संस्मरण, साहित्‍य-संस्कृति
रंग यात्रा भाग—1 महावीर रवांल्टा जीवन में पहली बार कब मुझे रामलीला या पौराणिक नाटक देखने का अवसर मिला होगा, कैसे मुझे उनमें रुचि होने लगी, इस समय यह बता पाना मुश्किल है लेकिन मेरी स्मृति में इतना जरूर दर्ज है कि महरगांव में अपने घर के बरांडे के नीचे ओबरों से बाहर की जगह पर हमने रामलीला की शुरुआत की थी. इसमें हमारे पड़ोस में रहने वाले भट्ट परिवार के बच्चे भी शामिल हुए थे. निश्चित तौर पर यह रामलीला हमारे अपनी समझ से उपजे संवाद एवं अभिनय के सहारे आगे बढ़ी होगी मुझे ऐसा लगता है. इस रामलीला की इतनी चर्चा हो पड़ी थी कि हमारे व आसपास के गांव के किशोर भी इसमें शामिल हुए. हमारे घर के बाहर के आंगन मे इसे खेला गया था. घर में उपलब्ध माता जी की धोतियों का पर्दे के रूप में इस्तेमाल हुआ था. घर में उपलब्ध सामग्री व वेशभूषा के साथ ही गत्ते से बनाए गए मुकुट, लकड़ी के धनुष बाण और तलवार सभी ने अपनी स...